मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसा क्या किया जिससे 'टूट गई परंपरा'? उपराष्ट्रपति ने कह दी ये बड़ी बात
Parliament News: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ऐसा दावा किया है कि संसद के उच्च सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने परंपरा तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने आसन के समक्ष आकर परंपरा तोड़ी। धनखड़ ने ये भी दावा किया कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
धनखड़ ने खड़गे के लिए कही ये बड़ी बात।
Jagdeep Dhankhar Slams Mallikarjun Kharge: संसद में इन दिनों हंगामे का दौर चरम पर है, लोकसभा में 10 सालों के बाद पहली बार विपक्ष इतनी मजबूत स्थिति में है। मुद्दों पर तकरार और वार-पलटवार का सिलसिला सातवें आसमान पर है। राज्यसभा में भी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता है। यही वजह है कि विपक्षी दलों के सांसद राज्यसभा में भी जमकर हंगामा कर रहे हैं। इस बीच संसद के उच्च सदन के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नेता प्रतिपक्ष के रवैये पर सवाल खड़ा किया है।
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कैसे तोड़ी परंपरा?
राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा नीट-यूजी परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकार को घेरते हुए हंगामा किए जाने के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे स्वयं आसन के समक्ष आ गये जो पहले कभी नहीं हुआ। सभापति ने यह टिप्पणी उस समय की जब विपक्ष के सदस्य राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) से जुड़ी कथित अनियमितताओं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ‘नाकामी’ और पेपर लीक से जुड़े मुद्दों पर विपक्षी सदस्य आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही चर्चा कराने की मांग पर हंगामा कर रहे थे।
'संसद के इतिहास में आज का दिन हो गया दागी'
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब आधे घंटे के भीतर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद बैठक दोबारा शुरू होने पर भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर अपनी बात को आगे बढ़ाया। त्रिवेदी के भाषण के बीच ही सदन के नेता जे पी नड्डा ने चर्चा में व्यवधान को लेकर विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधा। नड्डा की बात खत्म होते ही सभापति धनखड़ ने कहा, 'आज का दिन भारतीय संसद के इतिहास में इतना दागी हो गया है कि प्रतिपक्ष के नेता स्वयं आसन के समक्ष आए हैं।'
ऐसा कभी नहीं हुआ, मैं पीड़ित हूं- जगदीप धनखड़
जगदीप धनखड़ ने कहा, 'ऐसा कभी नहीं हुआ है। मैं पीड़ित हूं। मैं अचंभित हूं। भारतीय संसदीय परंपरा इतनी गिर जाएगी कि प्रतिपक्ष के नेता आसन के समक्ष आएंगे, उप नेता (विपक्ष के) आसन के समक्ष आएंगे।' इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन के नेता नड्डा ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा में विपक्ष द्वारा उत्पन्न किए जा रहे व्यवधान की ओर संकेत करते हुए कहा कि बृहस्पतिवार को सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद ज्ञापन पर चर्चा के लिए 21 घंटे आवंटित किए जाएं। उन्होंने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस के उप नेता और तृणमूल कांग्रेस के नेता शामिल थे।
नीट का मुद्दा उठाने पर क्या बोले राज्यसभा के नेता?
नड्डा ने कहा कि यह अपने आप में रिकार्ड है क्योंकि इससे पहले इस चर्चा के लिए कभी 21 घंटे आवंटित नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि बैठक में सहमति होने के बावजूद आज सबेरे कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले नीट का मुद्दा नहीं था। उन्होंने कहा कि नीट का मुद्दा कार्य मंत्रणा समिति में उठाया जा सकता था किंतु उनकी (विपक्षी नेताओं की) मंशा नहीं थी, उनकी मंशा सदन को बाधित करने की थी।
कांग्रेस पर जेपी नड्डा ने लगा दिया गंभीर आरोप
जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस बात को लेकर प्रतिबद्ध थी कि उसे चर्चा में भाग नहीं लेना है। उन्होंने कहा, 'वे पहले ही तय कर चुके थे, वे पहले से ही कृत संकल्पित थे इसलिए (चर्चा में भाग लेने वाले) वक्ताओं की सूची में किसी कांग्रेस नेता का नाम नहीं है। यह दर्शाता है कि वे चर्चा को लेकर गंभीर नहीं हैं।' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर होने वाली 21 घंटे की चर्चा के दौरान विपक्ष के पास इस बात का पूरा अवसर है कि वे नीट के मुद्दे को उठाकर अपनी पूरी बात रखें। उन्होंने कहा कि सरकार उनका जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है और जवाब दिया भी जाएगा।
हंगामे के दौरान आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों में से एक की ओर इशारा करते सभापति ने कहा, 'आप तो एक प्रकार से नाच रहे हैं। क्या ऐसा होना चाहिए?' उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सदस्य एवं पत्रकार सागरिका घोष का नाम लेते हुए कहा, 'आप हर सप्ताह स्तंभ लिखती हैं, क्या आप जीवन भर यही चाहती थीं।'
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