हेमंत सोरेन ने जन्मदिन पर दिखाई हाथ में लगी कैदियों वाली मुहर, बताया- 'चुनौतियों का प्रतीक'

Hemant Soren Birthday: हेमंत सोरेन ने कहा, जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई शिकायत, बिना कोई अपराध के जेल में 150 दिनों तक डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे? यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है।

Hemant Soren shares Prisoner's Stamp

Hemant Soren shares Prisoner's Stamp

Hemant Soren Birthday: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर हाथ पर कैदियों को लगाई जाने वाली मुहर के निशान को एक पोस्ट के जरिये साझा किया और इसे लोकतंत्र में मौजूदा चुनौतियों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह मुहर उनके हाथ पर (जेल अधिकारियों द्वारा) तब लगाई गई थी जब वे जेल से रिहा हुए थे।

सोरेन ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करके कहा, आज अपने जन्मदिन के मौके पर बीते एक साल की स्मृति मेरे मन में अंकित है- यह कैदी को लगाई जाने वाली मुहर का निशान, जो जेल से रिहा होते वक्त मुझे लगाया गया। यह निशान केवल मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक है। बता दें, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ समय बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद 28 जून को सोरेन को रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा किया गया था।

'एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना सबूत...'

हेमंत सोरेन ने कहा, जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई शिकायत, बिना कोई अपराध के जेल में 150 दिनों तक डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे? यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, आज के दिन मैं और ज्यादा कृतसंकल्पित हूं। मैं हर शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, मूलवासी के पक्ष में लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करता हूं। मैं हर उस व्यक्ति/समुदाय के लिए आवाज उठाऊंगा जिसे दबाया गया है, जिसे न्याय से वंचित रखा गया है, जिसे उसके रंग, समुदाय, खान-पान, पहनावे के आधार पर सताया जा रहा है। सोरेन ने कहा, हमें एकजुट होकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जहां कानून सभी के लिए समान हो, जहां सत्ता का दुरुपयोग न हो। यह रास्ता आसान नहीं होगा। हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं। क्योंकि हमारे देश की एकता, विविधता में ही हमारी ताकत है।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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