राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई पर कांग्रेस नाराज, जयराम रमेश बोले-अस्वीकार्य है SC का फैसला
Rajiv Gandhi murder case: फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि अदालत का यह फैसला अस्वीकार्य एवं पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस फैसले की आलोचना करती है।
जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की।
मुख्य बातें
- राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने जताई कड़ी नाराजगी
- कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला स्वीकार्य नहीं है
- एससी ने दोषियों के अच्छे आचरण का हवाला देकर समय से पहले रिहा किया
Rajiv Gandhi : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने नलिनी श्रीहर समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दिया। शीर्ष अदालत का यह फैसला कांग्रेस को नागवार गुजरा। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि अदालत का यह फैसला अस्वीकार्य एवं पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस फैसले की आलोचना करती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीर्ष अदालत ने देश की भावना के अनुरूप अपना फैसला नहीं दिया। दोषियों नलिनी और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।संबंधित खबरें
कोर्ट ने दोषियों के अच्छे आचरण का हवाला दिया
जेल में दोषियों के अच्छे आचरण एवं व्यवहार को देखते हुए जस्टिस बीआर गवई एवं जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने समय से पहले रिहाई का आदेश जारी किया। कोर्ट ने इस बात का जिक्र किया सभी दोषी काफी लंबे समय से जेल में बंद हैं। पीठ ने कहा, 'याचीकर्ता जब तक किसी अन्य किसी केस में वांछित नहीं पाए जाते हैं तब तक इन्हें रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।' कोर्ट ने कहा कि नलिनी तीन दशकों से ज्यादा समय से सलाखों के पीछे है और उसका आचरण संतोषजनक है। उसने कम्यंटर में पीजी डिप्लोमा किया है।संबंधित खबरें
रविचंद्रन का आचरण भी संतोषजनक-एससी
कोर्ट ने कहा कि रविचंद्रन का आचरण भी संतोषजनक पाया गया है। जेल में रहते हुए उसने आर्ट्स में पीजी डिप्लोमा किया है। उसने चैरिटी के लिए भी पैसे जुटाए हैं। दोषियों के इन बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने नलिनी, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार, एस राजा एवं श्रीहरन को रिहा करने का आदेश दिया।संबंधित खबरें
1991 में राजीव गांधी की हुई थी हत्या
आज से 31 साल पहले 1991 में मई के महीने में राजीव गांधी की पेरम्बदूर में आत्मघाती हमले में हत्या की गयी थी। इस केस में पेरियावलन समेत 6 को दोषी माना गया। पहले टाडा अदालत और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पेरियावलन को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन दया याचिका दाखिल किए जाने के बाद पेरियावलन फांसी के फंदे तक जाने से बच गया और उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया।संबंधित खबरें
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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