जयशंकर का चीन पर बड़ा हमला! कहा- जब राष्ट्र समझौतों का उल्लंघन करते हैं, तो भरोसे को भारी नुकसान पहुंचता है

जयशंकर हिंद महासागर सम्मेलन के 6वें संस्करण में भाग लेने के लिए ढाका में हैं। जिसमें मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन, मालदीव के उपराष्ट्रपति फैसल नसीम, ​​बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना और दुनिया भर के कई मंत्री भाग ले रहे हैं। यहां जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझा चिंता गैर-व्यवहार्य परियोजनाओं द्वारा उत्पन्न ऋण है।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर साधा निशाना

तस्वीर साभार : PTI
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर परोक्ष रूप से बड़ा हमला बोला है। एस जयशंकर ने कहा कि जब राष्ट्र समझौते का उल्लंघन करते हैं तो भरोसे को भारी नुकसान पहुंचता है।
क्या कहा विदेश मंत्री ने
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि जब राष्ट्र कानूनी दायित्वों की अवहेलना करते हैं या लंबे समय से चले आ रहे समझौतों का उल्लंघन करते हैं, तो भरोसे को भारी नुकसान पहुंचता है। बांग्लादेश की राजधानी में छठे हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं। आगे जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझा चिंता गैर-व्यवहार्य परियोजनाओं द्वारा उत्पन्न ऋण है।
चीन को घेरा
चीन भारत के साथ लगातार धोखा करते ऱहा है। आजादी के बाद 1962 में और अब गलवान में। चीन समझौतों को लेकर कभी इमानदार नहीं रहा है। यही कारण है क् भारत चीन को हमेशा से आइना दिखाता रहा है। शुक्रवार को भी विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन द्वारा भारत के साथ सीमा समझौते के उल्लंघन का जिक्र करते हुए कहा- "जब राष्ट्र कानूनी दायित्वों की अवहेलना करते हैं या लंबे समय से चले आ रहे समझौतों का उल्लंघन करते हैं। जैसा कि हमने देखा है, विश्वास और भरोसे को भारी नुकसान होता है।"
ढाका में हैं विदेश मंत्री
उन्होंने कहा कि यह दोहराने का नहीं बल्कि इसे सुधार करने का समय है। जयशंकर हिंद महासागर सम्मेलन के 6वें संस्करण में भाग लेने के लिए ढाका में हैं। जिसमें मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन, मालदीव के उपराष्ट्रपति फैसल नसीम, बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना और दुनिया भर के कई मंत्री भाग ले रहे हैं।
भारत लगातार करता रहा है विरोध
भारत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती और उसके आक्रामक व्यवहार की आलोचना करता रहा है, जो सीमा प्रबंधन पर समझौते का उल्लंघन है।
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