उमर अब्दुल्ला ने छोड़ी बडगाम विधानसभा सीट, गांदरबल सीट से बने रहेंगे विधायक

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट छोड़ने का फैसला किया है, वो अपने परिवार का गढ़ रही गांदरबल सीट से सदस्य बने रहेंगे। इस बात की जानकारी प्रो-टेम स्पीकर मुबारक गुल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में साझा की। सूबे के विधायकों ने शपथ ली, उमर ने कश्मीरी भाषा में शपथ ली।

Omar Abdullah

उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर।

Omar Abdullah resigns from Budgam seat: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट छोड़ दी है और वह गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने रहेंगे। ‘प्रोटेम स्पीकर’(अस्थायी विधानसभा अध्यक्ष) मुबारक गुल ने सोमवार को यह जानकारी दी। प्रो-टेम स्पीकर मुबारक गुल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में घोषणा करते हुए ये बताया कि जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने गंदेरबल विधानसभा सीट बरकरार रखी और बडगाम सीट से इस्तीफा दिया।

उमर अब्दुल्ला ने छोड़ी बडगाम विधानसभा सीट

उमर अब्दुल्ला ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों सीट पर जीत हासिल की थी। गांदरबल सीट अब्दुल्ला परिवार का गढ़ मानी जाती है। 54 वर्षीय उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2009 से 2014 तक गांदरबल से विधायक थे। इसके साथ ही 95 सदस्यीय सदन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों की संख्या घटकर 41 रह गई है, हालांकि पार्टी को कांग्रेस के छह, पांच निर्दलीय और आम आदमी पार्टी तथा माकपा के एक-एक विधायक के समर्थन से अभी भी बहुमत प्राप्त है।

उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी भाषा में ली शपथ

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम विधानसभा अध्यक्ष मुबारक गुल की ओर से सोमवार को शपथ दिलायी गई और इस दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी भाषा में शपथ ली। सदन के 54 वर्षीय उमर अब्दुल्ला शपथ लेने वाले पहले विधायक थे। फारूक अब्दुल्ला और उनकी ब्रिटिश पत्नी मोली अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला को अक्सर अपनी मूल भाषा न बोल पाने के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा है।

अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी के राजनेता उमर अंग्रेजी में पारंगत हैं, लेकिन 1990 के दशक के अंत में राजनीतिक करियर की शुरुआत करते समय हिंदी,उर्दू और कश्मीरी जैसी स्थानीय भाषाओं में उनका भाषा प्रवाह खराब था। हालांकि, 2009 से 2014 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान उमर अब्दुल्ला ने इन तीनों भाषाओं में बोलने के कौशल को बेहतर बनाने के लिए इन्हें सीखने का काम किया। इसी क्रम में सोमवार को उन्होंने कश्मीरी भाषा में विधायक पद की शपथ ली।

उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने अंग्रेजी में शपथ ली। विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह छह साल के लंबे विधायी अंतराल का अंत है। किश्तवाड़ से भाजपा विधायक शगुन परिहार सहित 51 लोग पहली बार विधायक बने हैं। विधानसभा में 29 साल की शगुन परिहार सबसे कम उम्र की सदस्य हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गज नेता और चरार-ए-शरीफ से विधायक अब्दुल रहीम राथर (80 साल) सबसे अधिक उम्र के सदस्य हैं।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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