मैं जैसी लाइफ जी रहा हूं, हमें कोई समस्या नहीं है.समस्या इस बात की भविष्य में क्या होगा।

आरोपी हत्यारे के पास से डायरी की बरामदगी हुई है जिसमें हिंदी में शायरी लिखी है। जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि इससे आरोपी के मानसिक दशा को समझा जा सकता है।

जम्मू-कश्मीर के डीजी (जेल ) हेमंत कुमार लोहिया हत्याकांड के आरोपी यासिर की गिरफ्तारी हो चुकी है। उसके पास से एक डायरी भी बरामद हुई है। डायरी के जरिए उसकी मानसिक हालत को समझा जा सकता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि अभी तक टेरर एंगल के सबूत नहीं मिले हैं, हालांकि टीआरएफ ने इसकी जिम्मेदारी ली है। जम्मू कश्मीर पुलिस का यह भी कहना है कि आरोपी की मानसिक हालत ठीक नहीं है। डायरी में एक शायरी का जिक्र है जो कुछ यूं है, हम डूबते हैं, डूबने दो। हम मरते हैं तो मरने दो, अब कोई झूठापन मत दिखाओ।

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डायरी में हिंदी में गाने हैं, जिनमें से एक का टाइटल भूला देना मुझे है, दूसरे पेज छोटे वाक्य हैं, एक पन्ने पर लिखा है कि वो अपने जीवन से नफरत करता है, जीवन सिर्फ दुःख है। और एक में एक चार्ट है जिसमें माई लाइफ 1% लेबल वाली फोन बैटरी के चित्र से शुरू है। आगे लिखा है कि लव 0%, टेंशन 90%, सैड 99 फीसद, फेक स्माइल 100 फीसद, यह आगे पढ़ता है। लाइफ शीर्षक वाला एक और नोट – मैं जैसी लाइफ जी रहा हूं, मुझे हमें कोई समस्या नहीं है… समस्या इस बात की है कि भविष्य में क्या होगा। डायरी के पन्नों में कुछ न कुछ लिखा है।

पुलिस का कहना है कि यासिर अहमद पिछसे 6 महीनों से एच के लोहिया के यहां काम कर रहा था। वो मानसिक परेशानियों का सामना कर रहा था। डायरी के एक पन्ने पर जिंदगी तो बस तकलीफ देती है, सुकुन तो अब मौत ही देगी डियर डेथ प्लीज कम इन टू माई लाइफआई एम अल्वेज वेटिंग फार यू लिखा हुआ है।

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