फारूक अब्दुला को ईडी केस में मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले को किया खारिज

फारूक अब्दुल्ला इस मामले में हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता नहीं थे। सह-आरोपी अहसान अहमद मिर्जा और मंजूर गजनफर के मामले में यह फैसला सुनाया गया, जिनका प्रतिनिधित्व एडवोकेट शारिक जे रेयाज ने किया।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ धन शोधन का मामला खारिज किया

मुख्य बातें
  • जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन मामले में फारूक अब्दुल्ला को राहत
  • ईडी के आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र रद्द
  • सात अगस्त को फैसला रख लिया गया था सुरक्षित
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला को ईडी वाले मामले में बहुत बड़ी राहत मिली है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से ईडी को बड़ा झटका लगा है, वहीं फारूक अब्दुला के लिए यह राहत वाली बात है।

'नहीं बनता कोई अपराध'

न्यायमूर्ति संजीव कुमार द्वारा पारित एकल पीठ के आदेश में कहा गया कि इन व्यक्तियों के विरुद्ध कोई विधेय अपराध नहीं बनता है, इसलिए ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र को रद्द किया जाता है। ईडी ने आरोपपत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा (जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष), मीर मंजूर गजनफर (जेकेसीए के एक अन्य पूर्व कोषाध्यक्ष) और कुछ अन्य को आरोपी बनाया था। आरोप पत्र में सूचीबद्ध लोगों ने इसे रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
End Of Feed