कश्मीर में दबाव बढ़ा तो जम्मू को निशाना बना रहे आतंकी, हमलों में आई तेजी, निशाने पर सुरक्षा चौकियां
सिलसिलेवार आतंकी घटनाओं में सबसे विनाशकारी हमला 9 जून को हुआ, जब आतंकवादियों ने रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की, जिससे बस खाई में जा गिरी। इसमें 10 यात्रियों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले बढ़े
Jammu Kashmir Terrorist Attacks: कश्मीर घाटी में आतंकियों पर दबाव बढ़ने के बाद अब ये जम्मू को निशाना बनाने की साजिश में जुटे हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों के निशाने पर सुरक्षा प्रतिष्ठान हैं। इसके मद्देनजर सुरक्षाकर्मियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। अखनूर में अभी और भी आतंकी छुपे हो सकते हैं। पुलिस ने गाड़ी स्टार्ट करने से पहले अच्छे से जांच करने की सलाह दी है। पुलिस ने गाड़ियों में लाउडस्पीकर लगा कर इसका ऐलान किया। लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधियों या वस्तुओं की रिपोर्ट करने की अपील की है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने अखनूर सेक्टर में चौकियों और पुलिस सर्विस पर सुरक्षा की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है।
आतंकी घटनाओं में लगातार इजाफा
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। आतंकवादियों ने बुधवार शाम डोडा जिले में एक सुरक्षा गश्ती दल पर गोलीबारी की, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। यह इस क्षेत्र में तीन दिनों में चौथा आतंकवादी हमला है। अधिकारियों ने बताया कि भलेसा गांव के घने जंगलों वाले कोटा टॉप इलाके में शाम करीब 7:40 बजे गोलीबारी हुई। मुठभेड़ जारी है और आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए खोज और घेराबंदी अभियान को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
24 घंटों में डोडा में दूसरी आतंकी घटना
पिछले 24 घंटों में डोडा में यह दूसरी आतंकी घटना है और जम्मू-कश्मीर में तीन दिनों में चौथी घटना है। इससे पहले मंगलवार शाम को चत्तरगल्ला दर्रे में हुए आतंकवादी हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे। मंगलवार देर रात एक अन्य घटना में कठुआ जिले में सुरक्षा बलों ने एक संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया। बुधवार को एक दूसरे आतंकवादी को भी मार गिराने के बाद रात भर चली मुठभेड़ समाप्त हो गई, लेकिन इस अभियान में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया।
डोडा हमलों में शामिल 4 आतंकियों के स्केच जारी
उधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डोडा जिले में दो हमलों में शामिल चार आतंकवादियों के स्केच जारी किए और उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। हर आतंकवादी के बारे में जानकारी देने वाले को 5 लाख रुपये का नकद इनाम देने की भी घोषणा की गई है। रविवार को आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमला किया, जिससे वह सड़क से उतरकर रियासी में गहरी खाई में गिर गई, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हो गए।
आतंकियों के निशाने पर अब जम्मू
मंगलवार शाम को राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी डोडा के चत्तरगल्ला के ऊपरी इलाके में एक संयुक्त जांच चौकी पर आतंकी हमले में घायल हुए थे। प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हालिया हमले जम्मू में आतंकी गतिविधियों में नए सिरे से बढ़ोतरी का संकेत दे रहे हैं। डोडा मुठभेड़ से ठीक दो दिन पहले कठुआ जिले में सुरक्षा बलों के साथ रात भर हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया था। इसी घटना में शामिल एक और आतंकवादी को बुधवार सुबह मार गिराया गया। हालांकि, ऑपरेशन के दौरान अर्धसैनिक बल का एक जवान शहीद हो गया।
बस पर हमले में 10 की मौत
सिलसिलेवार आतंकी घटनाओं में सबसे विनाशकारी हमला 9 जून को हुआ, जब आतंकवादियों ने रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की, जिससे बस खाई में जा गिरी। इसमें 10 यात्रियों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए। हमले में शामिल एक आतंकवादी का स्केच मंगलवार को जारी किया गया, जिसमें उसके बारे में जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया गया।
जितेंद्र सिंह बोले, कामयाब नहीं होंगे आतंकी
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि आतंकवादियों का कश्मीर से जम्मू क्षेत्र की ओर ध्यान केंद्रित करना इस बात का संकेत है कि घाटी में वे दबाव में हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे यहां सफल नहीं होंगे क्योंकि स्थानीय निवासी राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और क्षेत्र को इस खतरे से मुक्त करने के लिए यही नीति अपनाई जाएगी। मंत्री ने कठुआ स्थित सरकारी मेडिकल कालेज में आतंकी हमले में घायल हुए ओम प्रकाश का हालचाल जानने के बाद पत्रकारों से वार्ता में यह बात कही। हीरानगर सेक्टर के गांव में मंगलवार रात आतंकवादी हमले में ओम प्रकाश घायल हो गए थे।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि आतंकवादियों का कश्मीर से ध्यान हटाकर इस (जम्मू) क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना इस बात का संकेत है कि वे घाटी में दबाव में हैं। कश्मीर में जिस तरह से उन पर दबाव डाला जा रहा है, उससे वे अपना ध्यान इस क्षेत्र पर केंद्रित करने के लिए मजबूर हो गए हैं, लेकिन वे यहां सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में आतंकवादियों के सफल न होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि पूरा क्षेत्र, चाहे वह हीरानगर हो या कोई अन्य स्थान, यह क्षेत्र राष्ट्रवादी और देशभक्त आबादी से भरा हुआ है।
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