उपराष्ट्रपति की खिल्ली उड़ाने वाले मिमिक्री को लेकर जाट महासभा धरने पर बैठी, जंतर-मंतर पर BJP का प्रदर्शन

Jat Mahasabha Dharna: वेस्ट यूपी में जाटों की अच्छी खासी संख्या है। यहां कई ऐसे जिले हैं जिन्हें जाट बहुल्य जिला कहा जाता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के बाद इन जिलों से उन्हें समर्थन मिला और अकेले बुलंदशहर जनपद से 200 से अधिक वाहन धरने में शामिल हुए।

जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे जाट समुदाय के नेता।

Jat Mahasabha Dharna: संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के मामले ने तूल पकड लिया है। संसद सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों को सस्पेंड करने के बाद, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, ने संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर दी और उसी वक्त कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद राहुल गांधी उस मिमिक्री की वीडियो बना रहे थे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री विवाद को अखिल भारतीय जाट महासभा, अंतरराष्ट्रीय जाट संसद जैसे संगठनों ने अपमान की तरह लिया और जंतर मंतर पर विशाल धरने पर तमाम कार्यकर्ता बैठ गए।
इस पूरे घटनाक्रम से उत्तर भारत के जाटों की तरफ से जगदीप धनखड़ को समर्थन मिलने लगा और जाट समुदाय की नाराजगी सामने आने लगी है। अखिल भारतीय जाट महासभा, अंतरराष्ट्रीय जाट संसद जैसे संगठनों के आह्वान पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में जाट समाज के लोग जुटे और उन्हें अपनी नाराजगी जाहिर की। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने धरने में शामिल होकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के मामले में विरोध दर्ज कराया।

बुलंदशहर से पहुंचे 200 से अधिक वाहन

वेस्ट यूपी में जाटों की अच्छी खासी संख्या है। यहां कई ऐसे जिले हैं जिन्हें जाट बहुल्य जिला कहा जाता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के बाद इन जिलों से उन्हें समर्थन मिला और अकेले बुलंदशहर जनपद से 200 से अधिक वाहन धरने में शामिल हुए। बुलंदशहर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया के नेतृत्व में सभी वाहनों में सवार होकर जाट समाज के हजारों कार्यकर्ता धरने में शामिल हुए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समाज में प्रभाव रखने वाली डॉ. अंतुल तेवतिया ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करना उनका अपमान है और उनके सम्मान की खातिर पूरा जाट समाज मैदान में है। उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पद पर आसीन व्यक्ति का अपमान देश का अपमान है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तृणमूल सांसदों का ये कृत्य उनकी पार्टी की विचारधारा को उजागर करता है।
End Of Feed