Video: 'जब सदन में रोने लगीं जया बच्चन...' दिल्ली कोचिंग हादसे में 3 छात्रों की मौत पर बोलीं- 'इसमें राजनीति नहीं लानी चाहिए'

Jaya Bachchan: सपा से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने कहा, आज सब लोगों ने सिर्फ बच्चों को श्रद्धांजलि दी, किसी ने उनके परिवार के बारे में कुछ नहीं कहा। उन पर क्या गुजरी होगी! तीन युवा बच्चे चले गए। पीड़ितों के परिवारों के दुख के बारे में कुछ भी नहीं कहना बेहद क्षुब्ध करने वाला है।

Jaya Bachchan get emotional in Rajya Sabha

राज्यसभा में जया बच्चन हुईं भावुक।

Jaya Bachchan: राज्यसभा में सोमवार को समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने कोचिंग सेंटर हादसे को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा, पीड़ितों के परिवारों के दुख के बारे में कुछ भी नहीं कहना बेहद क्षुब्ध करने वाला है। इस दौरान जया बच्चन ने निर्भया कांड का भी जिक्र किया और वह काफी भावुक भी हो गईं।
जया बच्चन ने कहा, बहुत साल बाद मैं इस तरह की चर्चा देख रही हूं। जब निर्भया कांड हुआ, उस व्यथा को मैं भूल नहीं सकती हूं। आज मैं यहां एक मां, एक दादी के रूप में बहुत दर्द के साथ खड़ी हूं। आज सब लोगों ने सिर्फ बच्चों को श्रद्धांजलि दी, किसी ने उनके परिवार के बारे में कुछ नहीं कहा। उन पर क्या गुजरी होगी! तीन युवा बच्चे चले गए।

मैं कलाकार हूं, चेहरे के भाव समझती हूं

जया बच्चने ने कहा, पीड़ितों के परिवारों के दुख के बारे में कुछ भी नहीं कहना बेहद क्षुब्ध करने वाला है। मैं एक कलाकार हूं, मैं बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के भाव समझती हूं। सब लोग अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। नगर निगम का क्या मतलब होता है। जब मैं यहां शपथ लेने आई तब (मुंबई में) मेरा घर बेहाल था। वहां घुटने तक पानी भरा था। इस एजेंसी का काम इतना बदतर होता है कि मत पूछिये। इसके लिए हम जिम्मेदार हैं क्योंकि हम शिकायत नहीं करते हैं और न ही इस पर कार्रवाई होती है। जिम्मेदार प्रभारियों की क्या जिम्मेदारी होती है ?.... और यह सिलसिला चलते जाता है।

हरिवंश राय बच्चन की पढ़ी कविता

उन्होंने प्रख्यात कवि और अपने श्वसुर हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की ये पंक्तियां पढ़ीं, 'भार उठाते सब अपने-अपने बल, संवेदना प्रथा है केवल, अपने सुख-दुख के बोझ को सबको अलग-अलग ढोना है। साथी हमें अलग होना है।' इससे पहले जब उप-सभापति हरिवंश ने चर्चा में शामिल होने के लिए जया का नाम पुकारते हुए कहा श्रीमती जया अमिताभ बच्चन, तब सपा सदस्य ने कहा कि सिर्फ जया बच्चन बोल देते, तो काफी था। यह जो नया चलन है, उसके अनुसार, महिलाएं अपने पति के नाम से जानी जाएंगी, मानो उनकी अपनी कोई उपलब्धि नहीं है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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