'ऐसा कोई कैसे कर सकता हैं...' सभापति जगदीप धनकड़ पर जया बच्चन ने लगाया गंभीर आरोप, बोलीं- मुझे चाहिए माफी
राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने संसद में सभापति की टोन पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये स्वीकार्य नहीं है। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ भड़क गए। संसद में इस पर जोरदार हंगामा हुआ। बता दें, सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि मैंने सभापति के टोन पर आपत्ति जताई। हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं।
कोई मुझे ऐसे नहीं बोल सकता- जया बच्चन
- राज्यसभा सांसद जया बच्चन पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़
- सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं
- सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि आज ये (विपक्ष) संसद छोड़ गए
Jaya Bachchan: राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सपा सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच जमकर बहस हुई। सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि मैंने सभापति के टोन पर आपत्ति जताई। हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं। हम सब वरिष्ठ हैं, खासकर जब नेता विपक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) बोलने के लिए खड़े हुए उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? ये परंपरा के खिलाफ है। अगर आप उन्हें बोलने नहीं देंगे तो हम क्या करने आए हैं? वो हमेशा असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रेटी होंगी मुझे फर्क नहीं पड़ता... ये महिलाओं का अपमान है। मुझे माफी चाहिए।
विपक्ष ने राज्यसभा से किया वॉकआउट
राज्यसभा सांसद जया बच्चन पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आपने महान उपलब्धि हासिल की है, आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है। आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। आप सेलिब्रिटी हैं। इस पर विपक्ष की तरफ से यह कहा गया कि ये सीनियर मेंबर हैं संसद की, आप इन्हें सेलिब्रिटी कैसे कह सकते हैं।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं। मेरे पास अपनी स्क्रिप्ट है। विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। हंगामे पर सभापति ने कहा कि ये चर्चा में शामिल ही नहीं होना चाहते थे। ये अपनी ड्यूटी से वॉकआउट कर रहे हैं। सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन से लेकर इमरजेंसी तक का जिक्र कर विपक्ष पर कई सवाल उठा दिए।
जेपी नड्डा ने विपक्ष के व्यवहार पर उठाए सवाल
वहीं इस विवाद पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ही नहीं, पूरा देश आपके साथ खड़ा है। जिस तरह का व्यवहार आपके साथ हुआ है, वह गैरजिम्मेदाराना है। वे इतना नीचे आ गए हैं कि पार्टी और व्यक्ति का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं। ऐसी शक्तियां जो देश को विभाजित करना चाहती हैं, उनके साथ जब विपक्ष की आवाज दिखती है तब संशय होता है कि क्षेत्रीय पार्टियों का एजेंडा देश को कमजोर करने का बन गया है।
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