Jhansi: झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, परिवारों से की मुलाकात; वित्तीय सहायता का किया ऐलान

Fire At Jhansi Hospital: झांसी अग्निकांड में प्रशासन ने मृतक नौनिहाल के परिजनों को 10 दस लाख रुपये एवं गंभीर घायलों को पचास पचास हजार रुपये तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। वहीं झांसी अग्निकांड में घायल 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, 10 बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है।

Fire At Jhansi Hospital

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने नवजात शिशुओं के परिवार से की मुलाकात

Jhansi: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि झांसी में भीषण आग की बहुस्तरीय जांच की जाएगी। झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए पाठक ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया और मृतक शिशुओं के परिवारों को राज्य सरकार की ओर से सहायता देने की बात कही। पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। परिवार के सदस्यों के साथ, हम नवजात शिशुओं के शवों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर की जाएगी जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी, दूसरी जांच पुलिस प्रशासन द्वारा की जाएगी...अग्निशमन विभाग की टीम भी इसमें शामिल होगी, तीसरी, मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिवार के सदस्यों के साथ है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि तत्काल झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना में मृतक नौनिहाल के परिजनों को 5-5 लाख एवं गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपए तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाये।

10 शिशुओं की हो गई मौत

नवजात शिशुओं की गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में लगी आग में कम से कम 10 शिशुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य झुलस गए। झांसी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर शाम आग लग गई थी। भाजपा विधायक राजीव सिंह पारीछा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया और कहा कि अब तक 35 शिशुओं को बचा लिया गया है। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, एनआईसीयू वार्ड में लगभग 54 शिशु भर्ती थे। भाजपा विधायक राजीव सिंह पारीछा ने कहा कि यह बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई और लगभग 35 नवजात शिशुओं को बचा लिया गया। डॉक्टर घायल नवजात शिशुओं को सर्वोत्तम संभव उपचार दे रहे हैं। सरकार मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के संपर्क में है।

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अधिकारियों के अनुसार, प्रथम दृष्टया आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर लगी और कमरे में अत्यधिक ऑक्सीजन होने के कारण आग फैल गई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने कहा कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई, आग बुझाने के प्रयास किए गए, लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजन युक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई। कई बच्चों को बचा लिया गया। 10 बच्चों की मौत हो गई है, और घायल बच्चों का इलाज चल रहा है।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है और जिला प्रशासन को राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने एक्स पर एक पोस्ट में मृतक शिशुओं के परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। सीएम योगी ने एक्स पर कहा कि झांसी जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना में बच्चों की मौत बेहद दुखद और हृदय विदारक है। जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

बड़ी लापरवाही की बात आई सामने

जानकारी के मुताबिक, बच्चों को NICU में रखा गया। इसके दो पार्ट थे। अंदर की तरफ क्रिटिकल केयर यूनिट थी। यहीं पर सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। क्योंकि एंट्री और एग्जिट के लिए एक ही रास्ता था। जिसमें धुआं भर गया था। रेस्क्यू नहीं हो सका। हॉस्पिटल में फायर अलार्म सिस्टम लगे थे, सूत्रों के मुताबिक, इनका मेंटेनेंस नहीं करवाया गया था। इससे अलार्म नहीं बजा, वरना ज्यादा बच्चों को बचाया जा सकता था।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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