झारखंड विधानसभा में हेमंत सरकार ने साबित किया बहुमत, 76 में से 45 मत मिले, भाजपा ने किया बहिष्कार

Hemant Soren News: तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन को आज विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना है। सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह आसान दिखाई देता है। खबर है कि विश्वास मत के बाद झारखंड सरकार में कैबिनेट विस्तार भी हो सकता है।

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Hemant Soren News: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने सोमवार को विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र में हंगामे के बीच विश्वास मत हासिल कर लिया। मौजूदा विधानसभा में मौजूद 76 सदस्यों में से 45 ने सरकार के पक्ष में मतदान किया। विधानसभा के मौजूदा स्ट्रेंथ के हिसाब से बहुमत के लिए न्यूनतम 39 मतों की जरूरत थी। भाजपा और आजसू के विधायकों ने वोटिंग के दौरान सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सदन का बहिष्कार किया। सीएम हेमंत सोरेन ने सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस पर वाद-विवाद के बाद अपराह्न 12 बजकर 20 मिनट पर वोटिंग कराई गई। यह चौथा मौका है, जब हेमंत सोरेन बतौर सीएम झारखंड विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण में सफल हुए हैं।

इससे एक दिन पहले रविवार को सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों ने विशेष विधानसभा सत्र के लिए रणनीति तैयार करने के वास्ते अलग-अलग बैठकें कीं। जहां झामुमो, कांग्रेस और राजद विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का भरोसा जताया। वहीं, विपक्षी भाजपा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह आसान नहीं होगा।

सोरेन सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल जेवीएम-पी के टिकट पर 2019 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप यादव ने दावा किया कि विश्वास मत जीतने के लिए सदन में उनके पास पर्याप्त संख्या बल है। झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि पार्टी ने गठबंधन के सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने और शक्ति परीक्षण में भाग लेने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, भाजपा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए विश्वास मत हासिल करना आसान नहीं होगा।

क्या गठबंधन में है अंदरूनी कलहपार्टी विधायक दल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन में अंदरूनी कलह है। उन्होंने कहा, पार्टी ने सोमवार को शक्ति परीक्षण में भाग लेने का फैसला किया है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह चर्चा सुनिश्चित करे और विपक्ष को बोलने की अनुमति दे। बाउरी ने कहा कि भाजपा चाहती है कि मुख्यमंत्री सदन में बताएं कि जब पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पहले से ही काम कर रहे थे, तो नई सरकार बनाने की क्या जरूरत थी।

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