आदिवासी संगठनों ने आज किया झारखंड बंद का ऐलान, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का विरोध
प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन के आरोप में सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद बुधवार को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया।
हेमंत सोरेन
Jharkhand Bandh: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कई आदिवासी संगठनों ने गुरुवार को राज्य बंद का आह्वान किया है। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय टिर्की ने कहा कि राज्य के 15-20 आदिवासी संगठन बंद में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, जांच में ईडी के साथ सहयोग करने के बावजूद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया। हम इसका विरोध करते हैं। टिर्की ने कहा कि बंद से आपात सेवाओं पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर स्कूल गुरुवार को खुलते हैं तो हम उनमें बाधा नहीं पहुंचाएंगे।
सात घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन के आरोप में सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अपनी गिरफ्तारी से पहले, सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया और फिर उन्हें यहां ईडी कार्यालय ले जाया गया।
पूछताछ में 15 सवाल पूछे
सूत्रों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान 48 वर्षीय सोरेन के जवाब में स्पष्टता नहीं थी और इसलिए उन्हें धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में ले लिया गया। सूत्रों ने कहा कि उम्मीद है कि सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश करेगा और हिरासत में पूछताछ के लिए उनकी हिरासत का अनुरोध करेगा। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने मामले में दूसरे दौर की पूछताछ के दौरान सोरेन से 15 सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि सोरेन से पहली बार 20 जनवरी को पूछताछ की गई थी।
भूमि माफिया के साथ संबंधों का आरोप
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता को एजेंसी के पास दर्ज उनके गए कराए टाइप किए गए बयान दिखाए गए और हिरासत में लेने से पहले इन दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर मांगे गए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने उन पर हस्ताक्षर किए हैं या नहीं। झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता सोरेन के खिलाफ धनशोधन के आरोप 'भूमि माफिया' के साथ उनके कथित संबंधों के अलावा कुछ अचल संपत्तियों के कथित अवैध कब्जे से संबंधित हैं। केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, यह जांच झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट से जुड़ी है।
अब तक 14 गिरफ्तार
ईडी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे। मामले में झारखंड भूमि राजस्व विभाग के एक कर्मचारी भानु प्रसाद प्रसाद को भी एजेंसी ने गिरफ्तार किया है।
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