बिहार में फिर होगा उठापटक? इधर विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं नीतीश कुमार, उधर अमित शाह से मिले जीतन राम मांझी
जदयू के सीनियर नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश की राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं ठीक इस समय बिहार के महागठबंधन सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) यानी हम के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। अब सवाल उठता है कि क्या बिहार में फिर नए समीकरण बनने वाले हैं?
अमित शाह से मिले जीतन राम मांझी
नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए तमाम विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हुए हुए हैं। इस प्रयास में वे देश की राजधानी दिल्ली में हैं और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की। उधर इसी दौरान बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बीजेपी के सीनियर नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात की। इस मुलाकात से अटकलें तेज हो गईं कि मांझी पाला बदलने वाले हैं। अब सवाल उठता है कि क्या बिहार में फिर नए समीकरण बनने वाले हैं?
मांझी ने अटकलों पर लगाया विराम
मांझी और अमित शाह से यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ गठबंधन को व्यापक बनाने में जुटे हुए हैं। ऐसे राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात पर चर्चा लाजमी है। हालांकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने किसी भी तरह की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की। यानी मांझी अभी महागठबंधन नहीं छोड़ रहे हैं।
नीतीश कुमार के साथ रहने की खाई है शपथ- मांझी
जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार के साथ बने रहने की शपथ ली है। बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की किसी भी संभावना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उसने उनके जैसे छोटे दलों के अस्तित्व के खिलाफ बोला है। गौर हो कि दलित नेता जीतन राम मांझी के बेटे बिहार में आरजेडी-जदयू-कांग्रेस और वामपंथी दलों के महागठबंधन की सरकार में मंत्री हैं।
अमित शाह से मुलाकात के बाद नीतीश से मिले मांझी
अमित शाह के साथ अपनी बैठक के बाद मांझी नीतीश कुमार से मिलने भी पहुंचे ताकि ऐसी किसी भी धारणा को दूर किया जा सके कि वह फिर से 'यू-टर्न' ले सकते हैं। बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बिहार में छोटे दलों को साधने में जुटी हुई है।
दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न चाहते हैं जीतन राम मांझी
मांझी की शाह से मुलाकात उनकी पार्टी की उस मांग के मद्देनजर हुई जिसमें दशरथ मांझी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किए जाने की बात सामने आई थी। दशरथ मांझी ने दो दशक में पहाड़ों को खोदकर सड़क बना दी थी। उनकी इस उपलब्धि पर एक फिल्म भी बनी है।
मांझी ने 2015 में नीतीश से की थी बगावत
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार के बाद नीतीश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए जीतन राम मांझी ने 2015 में जब नीतीश कुमार को कुर्सी सौंपने की बात आई थी तो बगावत कर दी थी और बीजेपी से हाथ मिला लिया था।
2019 के लोकसभा चुनावों में एनडीए के साथ थे मांझी
वह 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थे। इस चुनाव को जदयू और बीजेपी ने एक साथ लड़ा था। बिहार के कुछ हिस्सों में 'मांझी' समुदाय में जीतन राम मांझी का खासा प्रभाव है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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