रामबन में राहत-बचाव कार्य आज फिर जारी, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग खोलने की तैयारी, दुकानदार बोले-अब उनके पास कुछ नहीं बचा

Jammu and Kashmir Cloud Burst: रामबन के एक निवासी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि 'मैं दूसरी तरफ रता हूं लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि हम समय से यहां पहुंच नहीं पाए। जब मैं यहां पहुंचा तो देखा कि मेरी दुकान सहित पूरा बाजार बह चुका था। इस तरह की तबाही मैं पहली बार देख रहा हूं।'

Ramban Cloud Burst

जम्मू कश्मीर में बादल फटने से भारी तबाही।

Jammu and Kashmir Cloud Burst: जम्मू-कश्मीर में बादल फटने, ओलावृष्टि, तूफान और बाढ़ से भारी तबाही मची है। इस प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान रामबन में हुआ है। खराब मौसम की वजह से रविवार को राहत एवं बचाव कार्य रोकना पड़ा था। आज राहत एवं बचाव कार्य फिर शुरू किया जा रहा है। सेना जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग खोलने के प्रयास कर रही है। लोगों का कहना है कि भूस्खलन और बाढ़ से उनकी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है।

कहीं नजर नहीं आ रहीं हमारी दुकानें-निवासी

रामबन के एक निवासी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि 'मैं दूसरी तरफ रता हूं लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि हम समय से यहां पहुंच नहीं पाए। जब मैं यहां पहुंचा तो देखा कि मेरी दुकान सहित पूरा बाजार बह चुका था। इस तरह की तबाही मैं पहली बार देख रहा हूं।' रामबन के दुकानदार रवि कुमार ने बताया कि उनकी यहां दो दुकानें थीं, दोनों कहीं नजर नहीं आ रहीं।

'सरकार हमारा ऋण माफ करे'

उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि मदद के लिए किसके पास जाया जाए। ये दुकानें ही हमारी आजीविका का साधन थीं। अब हमारे पास कोई दुकान और जमीन नहीं है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारी मदद करे। यहां बहुत ही भयावह मंजर है। हम चाहते हैं कि हमारे ऋण को माफ किया जाए। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा है।'

तीन लोगों की हुई मौत

अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं जिसके कारण यातायात रोक दिया गया। इससे सैकड़ों वाहन इस मार्ग पर फंस गए हैं। यह 250 किलोमीटर लंबा राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। अधिकारियों ने बताया कि सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अकीब अहमद (12), उसके भाई मोहम्मद साकिब (10) और उनके पड़ोसी मुनिराम (65) के रूप में की गई है। अचानक आई बाढ़ में सड़कें बह जाने के कारण कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए।

जलधारा के उफान पर होने के कारण कई वाहन बह गए

इन तीन लोगों की मौत होने के साथ ही जम्मू क्षेत्र में पिछले दो दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इससे पहले, रियासी जिले के अरनास इलाके में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य महिला घायल हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि 10 मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गए और शेष को आंशिक क्षति पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के बावजूद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने फंसे हुए 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाया। ग्रामीणों को सरकारी स्कूल में आश्रय दिया गया है और प्रशासन उन्हें राशन सहित आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि एक जलधारा के उफान पर होने के कारण कई वाहन बह गए।

नुकसान की भरपाई का हरसंभव कोशिश करेगी सरकार

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जा रही है। सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और बचाव दल तेजी से राहत पहुंचाने के काम में लगे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री ने रामबन में कहा, ‘मेरे दौरे का उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है।’ उन्होंने कहा कि उपायुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी और लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

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राहत कार्य में जुटीं एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें

एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के स्वयंसेवकों के अलावा, पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), नागरिक स्वयंसेवक, सेना और अन्य विभागों तथा एजेंसियों की टीम प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और बहाली कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा, ‘प्रशासन बचाव कार्यों में तेजी लाने तथा प्रभावित लोगों की सुरक्षा और हित सुनिश्चित करने के लिए सरकारी निर्देशों का तत्परता से क्रियान्वयन कर रहा है।’ एक अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के मद्देनजर 21 अप्रैल को जिले में सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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