JNUSU Result: JNU में एक बार फिर लेफ्ट राज, छात्रसंघ की चारों सीटों पर वामदलों का कब्जा, ABVP की करारी हार

JNU Student Union Election Election: यूनाइटेड लेफ्ट गठबंधन में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) शामिल थे।

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जेएनयू में लेफ्ट चारों सीटों पर जीता

JNU Student Union Election Election: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में वोटों की गिनती के शुरुआती घंटों में एबीवीपी से पिछड़ने के बाद, वाम दलों के छात्र संगठन ने एक बार फिर विश्वविद्यालय में अपना दबदबा दिखाया और सभी चार पदों को बरकरार रखा। एबीवीपी एक समय जीत की ओर बढ़ रही थी, जो कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी। हालांकि, जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ी, वाम दल जीत की ओर बढ़ते हुए सभी चार पद हासिल कर लिए।

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कितनी पार्टियां थीं मैदान में

यूनाइटेड लेफ्ट गठबंधन में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) शामिल थे। जो बीजेपी से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार उमेश चंद्र को 2,118 वोट मिले, जबकि वाम उम्मीदवार धनंजय को 3,100 वोट मिले।

अध्यक्ष

धनंजय (लेफ्ट)- 3,100

उमेश चंद्र अजमीरा (एबीवीपी)- 2,118

उपाध्यक्ष

अविजीत घोष (लेफ्ट)- 2,762

दीपिका शर्मा (एबीवीपी)- 1,848

महासचिव

प्रियांशी आर्य (BAPSA, वाम समर्थित) – 3,440

अर्जुन आनंद (एबीवीपी)- 2,4,12

संयुक्त सचिव

मो साजिद (लेफ्ट) – 3,035

गोविंद दांगी (एबीवीपी)- 2,591

जेएनयू वाम दलों का गढ़

1969 में जब से जेएनयू की स्थापना हुई, तब से वामपंथी छात्र संगठनों, विशेष रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से संबद्ध स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) का छात्र राजनीति पर गहरा प्रभाव रहा है। यहां से लगभग हर चुनाव में वो जीतते रहे हैं। एसएफआई को अध्यक्ष पद पर 22 बार प्रभावशाली जीत मिली है, जबकि ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) ने 11 बार यह पद हासिल किया है।

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शिशुपाल कुमार author

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