Joe Biden Security: आज पालम एयरपोर्ट पर उतरेगा Airforce 1, जानें कितनी मजबूत होती है अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा और प्रोटोकॉल
Joe Biden Security: अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ सेना का एक व्यक्ति भी होता है। इस सेना के अधिकारी के पास न्यक्लियर मिसाइल को लॉन्च करने वाला ब्रीफकेस होता है। सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स अमेरिकी राष्ट्रपति के अलावा इस सैन्य अधिकारी को भी हर हमले से सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
आज भारत आएंगे जो बाइडन
Joe Biden Security: दिल्ली में होने जा रही जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन उड़ान भर चुके हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक, आज शाम करीब 5 बजे जो बाइडन का स्पेशल विमान एयरफोर्स 1 पालम के टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। भारत पहुंचने के बाद बाइडन सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता की भी संभावना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति तीन दिनों तक भारत में रहेंगे। उनके लिए दिल्ली का ITC मौर्या होटल बुक किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, बाइडन और उनके सुरक्षा अधिकारियों के लिए होटल के 400 कमरे बुक किए गए हैं। इसमें राष्ट्रपति बाइडन 14वीं मंजिल पर रहेंगे, वहां तक जाने के लिए स्पेशल लिफ्ट भी लगाई गई है। राष्ट्रपति बाइडन की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने भी खास बंदोबस्त किए हैं। हालांकि, उनकी सुरक्षा को दुनिया की सबसे ताकतवर और अभेद माना जाता है। इसमें यूनाइटेड स्टेट्स की सीक्रेट सर्विस का अहम रोल है। आइए जानते हैं कितनी मजबूत होती है अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा और क्या होता है प्रोटोकॉल...
7000 एजेंट करते हैं काम
यूनाइटेड स्टेट्स की सीक्रेट सर्विस एजेंसी 1865 में बनी थी। हालांकि, राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी इस एजेंसी को 1901 में सौंपी गई थी, तब से यह एजेंसी राष्ट्रपति की सुरक्षा में अहम रोल निभा रही है। इस एजेंसी में लगभग 7000 एजेंट और ऑफिसर काम करते हैं। इसमें महिलाएं भी होती हैं। बता दें, सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स की ट्रेनिंग दुनिया की सबसे मुश्किल ट्रेनिंग में से एक मानी जाती है।
नहीं चलती अमेरिकी राष्ट्रपति की मर्जी
अगर अमेरिका के राष्ट्रपति कहीं जाना चाहें और वह चाहें कि उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए, तो भी उनका आदेश नहीं माना जाएगा। सीक्रेट सर्विस के एजेंट एक साए की तरह अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ रहते हैं। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति किसी देश की यात्रा करने का भी फैसला करते हैं तो यात्रा की तारीख से लगभग 3 महीने पहले ही सीक्रेट सर्विस अपनी तैयारी शुरू कर देती है।
मल्टी लेयर सिक्योरिटी
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा मल्टीलेयर और बहुत महंगी होती है। राष्ट्रपति के सबसे करीब प्रोटेक्टिव डिविजन एजेंट, उसके बाद सीक्रेट सर्विस एजेंट्स और बाद में अमेरिकी पुलिस होती है। जब जो बाइडन भारत की यात्रा करेंगे तो दिल्ली पुलिस और CRPF की भी एक सुरक्षा लेयर होगी।
एयरफोर्स वन के साथ उतरते हैं 6 बोइंग सी 17 विमान
अमेरिकी राष्ट्रपति के स्पेशल विमान एयरफोर्स वन के साथ 6 बोइंग सी 16 विमान भी उड़ते हैं। इस काफिले में एक हेलिकॉप्टर भी होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति के सीक्रेट सर्विस एजेंट और लोकल एजेंसी उनके काफिले का रूट तय करती हैं और यह देखा जाता है कि आपात स्थिति में किस रूट से बचकर निकला जा सकता है। राष्ट्रपति जहां ठहरे होते हैं , उससे अस्पताल की दूरी 10 मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
होटल में परिंदा भी पर नहीं मार सकता
अमेरिकी राष्ट्रपति होटल के जिस फ्लोर पर ठहरते हैं, उस फ्लोर के साथ ऊपर व नीचे के फ्लोर को एकदम खाली रखा जाता है। वहां सिर्फ उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारी ही ठहरते हैं। होटल की सभी खिड़कियों में बुलेट प्रुफ शील्ड चढ़ा दी जाती है। इसके अलावा होटल के सभी टीवी और फोन भी हटा दिए जाते हैं। होटल के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों के बैकग्राउंड को भी जांचा जाता है। सबसे अहम बात सीक्रेट सर्विस के एजेंट खुद तय करते हैं कि राष्ट्रपति कहां ठहरेंगे।
दुनिया की सबसे सुरक्षित कार
अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी लिमोजीन कार में ही सफर करते हैं। इस कार को द बीस्ट कहा जाता है । यह पूरी तरह से बुलेटप्रुफ होती है, साथ ही इसमें डिफेंसिव उपकरण भी लगे होते हैं। जैसे केमिकल अटैक से सुरक्षा, ग्रेनेड लॉन्चर, नाइट विजन तकनीक, टिरर गैस। इस गाड़ी के ड्राइवर्स इतना ट्रेंड होते हैं कि हमले के समय गाड़ी को 180 डिग्री पर टर्न करा सकते हैं।
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