वक्फ विधेयक: संयुक्त पैनल को मिला बजट सत्र 2025 तक विस्तार, लोकसभा ने दी मंजूरी
इससे पहले, भाजपा सांसद पाल ने समिति की बैठक के बाद कहा था कि समिति के सदस्य इस पर एकमत हैं क्योंकि समिति को छह राज्यों सहित कुछ अन्य हितधारकों की बात भी सुननी है, जहां वक्फ और राज्य सरकारों के बीच विवाद हैं।
वक्फ विधेयक पर पैनल को मिला विस्तार
Waqf Bill Panel Gets Extension: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त पैनल को बजट सत्र, 2025 के अंतिम दिन तक विस्तार मिल गया है और इस प्रस्ताव को लोकसभा की मंजूरी भी मिली है। समिति की हुई पिछली बैठक में विपक्षी सदस्यों ने संक्षिप्त वॉकआउट किया था, जिसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए और समय मांगेगी। समिति के विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया और संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की आलोचना की थी क्योंकि उन्होंने कहा था कि समिति की मसौदा रिपोर्ट तैयार है।
समिति का गठन करने वाली लोकसभा ने बाद में गुरुवार के लिए अपनी कार्यसूची में बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय बढ़ाने का प्रस्ताव सूचीबद्ध किया था। इसके बाद आज इसे लोकसभा से भी मंजूरी मिल गई।
छह राज्यों सहित कई हितधारकों से चर्चा बाकी
इससे पहले, भाजपा सांसद पाल ने समिति की बैठक के बाद कहा था कि समिति के सदस्य इस पर एकमत हैं क्योंकि समिति को छह राज्यों सहित कुछ अन्य हितधारकों की बात भी सुननी है, जहां वक्फ और राज्य सरकारों के बीच विवाद हैं। पाल ने संवाददाताओं से कहा कि हमें लगता है कि इसकी समयसीमा बढ़ाने की जरूरत है। भाजपा सांसद और समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध करेगी कि वे सदन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समयसीमा को 2025 के बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ा दें। पाल और भाजपा के एक अन्य सांसद दिलीप सैकिया इस संबंध में निचले सदन में प्रस्ताव पेश किया। समिति के विभिन्न हितधारकों से मिलने के लिए कुछ राज्यों का दौरा करने की उम्मीद है।
विपक्षी सांसदों ने किया बैठक का बहिष्कार
21 नवंबर को समिति की आखिरी बैठक के बाद पाल ने कहा था कि इसकी मसौदा रिपोर्ट तैयार है। उन्होंने संकेत दिया कि हितधारकों के साथ समिति का परामर्श समाप्त हो गया है और इसके सदस्य अब रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे और इसे अपनाने से पहले इसमें कोई बदलाव हो तो सुझाएंगे। बुधवार की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने इस रुख पर कड़ी आपत्ति जताई और बैठक से निकल गए। उन्होंने दावा किया कि बिरला ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इसका कार्यकाल बढ़ाया जाएगा।
डीएमके सांसद ए राजा ने कहा कि सभी हितधारकों की बात अभी तक नहीं सुनी गई है। वहीं, एआईएमआईएम सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर समिति उचित प्रक्रिया का पालन करती है तो वह 29 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाएगी। आप सदस्य संजय सिंह ने भी पाल के नेतृत्व में समिति की कार्यवाही की आलोचना की, जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने इसे मजाक बताया।
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