जोशीमठ संकट,भरोसा जगाने में जुटी पुष्कर सिंह धामी सरकार!

जोशीमठ पहुंचते ही सीएम ने ये बयान दिया कि कुछ लोग ऐसा माहौल बना रहे हैं मानो पूरा उत्तराखंड खतरे में है, बल्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। सीएम ने जल्द ही औली में होने वाले विंटर गेम्स के आयोजन की भी बात कही, साथ ही इस साल होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर भी सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ये भी साफ किया कि जोशीमठ में फिलहाल उन मलारी इन और माउंट व्यू होटल की बिल्डिंग को ही गिराया जाएगा। इसके अलावा जिन घरों में दरार आई है या लाल निशान लगा दिए गए हैं वो नहीं तोड़े जाएंगे।

मुख्य बातें
  • धामी सरकार का एक्शन प्लान
  • निर्माण और भविष्य का संकट
  • मुआवजा और विस्थापन

घरों में बढ़ती दरार और शहर के अस्तित्व पर मंडराते खतरे के बीच केंद्र से लेकर उत्तराखंड तक हलचल है। सवाल सिर्फ एक शहर का नहीं बल्कि सवाल समूचे उत्तराखंड की तरक्की, पर्यटन, विकास और विश्वास का है। जिस तरह जोशीमठ के हालात हैं उससे परेशानी सिर्फ लोगों की ही नहीं बल्कि सरकारों की भी बड़ी है। उत्तराखंड की इनकम का सबसे अहम जरिया पर्यटन कारोबार है, मगर दरकते जोशीमठ ने खतरे का जो संदेश दिया है उससे उत्तराखंड को लेकर तरह-तरह की आंशकाएं हैं और अजीब सा डर भी सता रहा है। डर इस बात का है क्या जोशीमठ के बारे में जानकर, देखकर और सुनकर देश, दुनिया के पर्यटक उत्तराखंड आने से कतराने तो नहीं लगेंगे? डर इस का कि अगर पर्यटक नहीं आए तो आर्थिकी कैसे चलेगी, पर्यटन कारोबार का क्या होगा? पर्यटन की वजह से लाखों लोगों के मिलने वाले रोजगार का क्या होगा? यानि जोशीमठ संकट के बीच उत्तराखंड की धामी सरकार दो मोर्चों पर जूझ रही है, पहला मोर्चा जोशीमठ को बचाने, वहां के लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने और दूसरा मोर्चा देश में सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश देने का है। मतलब मौजूदा दौर में अगर थोड़ी सी भी चूक हुई तो भविष्य में चुनौतियां चौगुनी हो जाएंगी।

उत्तराखंड सरकार तमाम चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही आगे की रणनीति पर काम कर रही है। लोगों में विश्वास जगाया जा सके, जोशीमठ की आवाम को भरोसे में लिया जा सके इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 11 जनवरी की रात खुद जोशीमठ में ही रुके। सीएम ने राहत शिविर में रह रहे लोगों से मुलाकात की, उनकी बातें सुनीं और समस्या के समाधान का भरोसा भी दिया। इसके बाद 12 जनवरी की सुबह मुख्यमंत्री ने नरसिंह मंदिर जाकर पूजा अर्चना भी की। जोशीमठ पहुंचते ही सीएम ने ये बयान दिया कि कुछ लोग ऐसा माहौल बना रहे हैं मानो पूरा उत्तराखंड खतरे में है, बल्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। सीएम ने जल्द ही औली में होने वाले विंटर गेम्स के आयोजन की भी बात कही, साथ ही इस साल होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर भी सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ये भी साफ किया कि जोशीमठ में फिलहाल मलारी इन और माउंट व्यू होटल की बिल्डिंग को ही गिराया जाएगा। इसके अलावा जिन घरों में दरार आई है या लाल निशान लगा दिए गए हैं वो नहीं तोड़े जाएंगे। सरकार इसके जरिए जोशीमठ के लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए उनका पूरा भरोसा जीतना चाहती है ताकि लोगों को यहां से विस्थापिl करते वक्त किसी तरह की दिक्कत ना हो। क्योंकि जब डिमोलिशन की तैयारी की जा रही थी तो मुआवजे और विस्थापन की तस्वीर साफ करने की मांग को लेकर होटल मालिक और कई स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए थे, लिहाजा सरकार नहीं चाहती कि संकट के दौरान लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़े। इसीलिए बीच का रास्ता निकाला गया है। सरकार को ये भी भरोसा है कि इससे लोगों को समझाने में आसानी होगी और आगे की रणनीति बनाने का वक्त भी मिल जाएगा।

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