टिहरी की तरह जोशीमठ को मिलेगा नया ठिकाना ! 17 साल पहले डूब गया था 200 साल पुराना शहर

Joshimath Crisis: राज्य सरकार जोशीमठ में धंसाव से पीड़ित लोगों के लिए पुर्नवास की जो योजना बना रही है। उसके तहत नया जोशीमठ शहर भी बसाया जा सकता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सेटेलाइट से पता चलता है कि शहर केवल 12 दिनों में 5.4 सेमी धंस गया है।

Joshimath Sinking: जोशीमठ हर रोज धंस रहा है, लोग वहां से पलायन कर रहे हैं, और अब ऐसा लगता है कि जोशीमठ को बचाना संभव नहीं रह गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सेटेलाइट से पता चलता है कि शहर केवल 12 दिनों में 5.4 सेमी धंस गया है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में शुक्रवार को कैबिनेट की आपात बैठक भी हुई है। जिसमें प्रभावित लोगों के पुर्नवास को लेकर भी चर्चा हुई है। अभी तक जोशीमठ में दरारों वाले 760 भवनों को चिह्नित किया जा चुका है।

इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है और बृहस्पतिवार से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है और हम उसी के अनुसार फैसले ले रहे हैं। धामी ने यह भी कहा है कि वहां का जनजीवन सामान्य है और 60 प्रतिशत से ज्यादा चीजें सामान्य चल रही हैं।

कैसा हो सकता है पुर्नवास

रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार जोशीमठ में धंसाव से पीड़ित लोगों के लिए पुर्नवास की जो योजना बना रही है। उसके तहत नया जोशीमठ शहर भी बसाया जा सकता है। इसके लिए सर्वेक्षण का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए पीपलकोटी, गौचर, गैरसैंण, कोटीबाग जैसे इलाकों में सरकारी जमीन की तलाश भी की जा रही है। हालांकि पुर्नवास किस तरह होगा, नया शहर कैसे बसेगा, इसको लेकर अभी सरकार के तरफ से रोडमैप पेश नहीं किया गया है।

बसाया गया था नया टिहरी

उत्तराखंड में इसके पहले टिहरी शहर का भी अस्तित्व खत्म हो चुका है। साल 2005 में यह शहर पूरी तरह से जलमग्न हो गया था। हालांकि 190 साल पुराने शहर के डूबने की वजह प्राकृतिक नहीं थी। टिहरी शहर को टिहरी बांध बनने की वजह से डूब गया था। जिसके बदले में सरकार ने 90 के दशक से ही नए शहर को बसाने का काम शुरू कर दिया था। और उसके बाद 2004 में नया टिहरी शहर बस गया था। जिसे पुराने टिहरी शहर से 24 किलोमीटर दूर बसाया गया। इसमें कुछ लोगों को देहरादून,ऋषिकेष आदि शहरों में भी बसाया गया।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited