Joshimath Landslide: जोशीमठ में क्षमता से अधिक हुआ निर्माण, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने सार्वजनिक की वैज्ञानिक रिपोर्ट

Joshimath Landslide: 130 पेज की 'पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट' (पीडीएनए) रिपोर्ट में कहा है कि जोशीमठ में अपनी वहन क्षमता से कहीं अधिक निर्माण किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशीमठ को तत्काल प्रभाव से 'कोई नया निर्माण नहीं' वाला क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए।

जोशीमठ

Joshimath Landslide: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ भूधंसाव पर वैज्ञानिक रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। इस रिपोर्ट में जोशीमठ को लेकर चौंकाने और डराने वाले खुलासे किए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 130 पेज की 'पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट' (पीडीएनए) रिपोर्ट में कहा है कि जोशीमठ में अपनी वहन क्षमता से कहीं अधिक निर्माण किया गया है।

इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशीमठ को तत्काल प्रभाव से 'कोई नया निर्माण नहीं' वाला क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए। बता दें, जोशीमठ में आई आपदा के बाद लंबे समय से इन वैज्ञानिक रिपोर्टों को सार्वजनिक किए जाने की मांग की जा रही थी। यह जोशीमठ पर एक प्रमुख केंद्रीय वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थान की आठ रिपोर्टों में से एक है, जिसे राज्य सरकार ने पिछले कई महीनों से सार्वजनिक नहीं किया था।

718 पन्नों की रिपोर्ट

जोशीमठ भूधंसाव पर आठ वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्ट सैकड़ों वैज्ञानिकों ने कई महीनों की मेहनत के बाद तैयार की थी। यही रिपोर्ट 718 पन्नों की है, जिसके आधार पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने भी अपनी 139 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी, इसे भी अब सार्वजनिक कर दिया गया है।

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