Joshimath में डर ऐसा कि कुछ घरों में लोग सिर्फ बिता रहे रात! बोले- होटलों में कब तक बिताएंगे रात?
Joshimath Sinking Latest Updates: जोशीमठ छह हजार फुट के एल्टीट्यूड पर बसा उत्तराखंड का एक शहर है, जो कि बद्रीनाथ, ऑली और वैली ऑफ फ्लावर्स के लिए गेटवे माना जाता है।
Joshimath Sinking Latest Updates: उत्तराखंड के जोशीमठ में दरकती दीवारों, मकानों और खेत के बीच जिंदगी की जंग सामने आ गई। जमीनी हालत इतने जटिल हो गए है कि लोगों को गाढ़ी कमाई से बनाया अपना घर तक छोड़ना पड़ गया। ऐसे रहवासियों का दर्द सैलाब की तरह छलका और वे रोते-बिलखते और परेशान होते हुए बोले कि इस स्थिति में वे कहां जाएं? राहत-बचाव कार्य के तहत बेशक उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा हो, मगर वे कब तक होटलों में रह पाएंगे?संबंधित खबरें
सोमवार (नौ जनवरी, 2023) को हिंदी चैनल एबीपी न्यूज पर एक महिला ने अपना दुख बयान किया और कहा, "हमने जैसे-तैसे तो अपना मकान बनाया था। अब बताइए, हम कहां जाएं...?" इस बीच, उनके पति रिपोर्टर के सामने फूट-फूट कर रोने लगे और हाथ जोड़ते मकान के भीतर आई दरारें दिखाने लगे। बोले- देखिए ये यहां से दरक गया है। अब हम आखिरकार क्या करें?संबंधित खबरें
वहीं, एक अन्य महिला ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने उनकी एक न सुनी। सर्दी के सितम के बीच रविवार (आठ जनवरी, 2023) को हमारे सहयोगी अखबार टीओआई की टीम जोशीमठ पहुंची तब वहां के सुनील इलाके में रहने वाले 53 साल के दुर्गा प्रसाद सकलानी ने चिंता के साथ बताया- आठ महीने पहले हमने घर बनाया था और इसमें दरारें आ गईं। मेरे 15 लोगों के परिवार को घर खालीकर पास के होटल में शिफ्ट होने के लिए कह दिया गया था। पर हम वहां कितने दिन रह पाएंगे?संबंधित खबरें
उनके मुताबिक, "हम दिन भर मकान के बाहर रहते हैं और सिर्फ कड़कती ठंड में रात को रोने के लिए मकान के भीतर जाते हैं।" मनोहरबाग में रहने वाले चंद्र बल्लभ पाण्डे के घर में भी पिछले दो हफ्ते पहले दरारें आने लगीं थीं। उनके घर का एक माला छह से आठ इंच धंस गया और मकान दाईं ओर झुकने लगा। संबंधित खबरें
नम आखों के साथ उन्होंने अंग्रेजी अखबार को बताया- मैंने 1999 में यह मकान हनाया था और अब मैं इसे अपने ही सामने गिरने की कगार पर देख रहा हूं। प्रशासन ने भी हमसे जल्द से जल्द घर खाली करने के लिए कह दिया है। यह चीज मुझे अंदर से कचोट रही है और रोने पर मजबूर कर रही है। हालांकि, मेरा दिल अभी भी घर के अंदर ही बसा है और वहा हमेशा वहीं रहेगा।संबंधित खबरें
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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