Joshimath Sinking: CM धामी पहुंचे जोशीमठ, लोगों को निकालने का काम जारी; 47 साल पहले की चेतावनी हो रही सच

Joshimath Sinking: जोशीमठ को प्रमुख हिंदू और सिख धार्मिक स्थलों जैसे बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब का प्रवेश द्वार माना जाता है। यह चीन के साथ भारत की सीमा के पास प्रमुख सैन्य ठिकानों में से भी एक है। जमीन धंसने और पानी निकलने के कारण यहां 600 घरों पर खतरा मंडरा रहा है।

Joshimath Sinking: जोशीमठ में दरारें अब और चौड़ी होने लगी है। प्रभावित घरों की संख्या 600 से ज्यादा हो चुकी है। डेंजर जोन से लोगों को निकाले का काम जारी है। साथ ही आपात स्थिति के लिए हेलॉकॉप्टर को भी तैयार रखा गया है। शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी यहां पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
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क्या है ताजा है स्थिति
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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहा भूस्खलन अब विकराल रूप ले चुका है। जोशीमठ में मां भगवती मंदिर के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद अब शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर में दरारें आ गई हैं। लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास के भवनों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। जोशीमठ के सैकड़ों घरों में भू-धसाव के कारण दरारें आ गई हैं। आस-पास के राष्ट्रीय राजमार्गों और सीमावर्ती सड़कों सहित घरों, सड़कों और खेतों में भारी दरारें देखी गई हैं।
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