'दंगाई नहीं हैं पत्रकार...' कारवां मैगजीन के तीन पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा चलाने की तैयारी में दिल्ली पुलिस, पत्रकार संघ ने जताया कड़ा विरोध
Delhi Police: कारवां मैगजीन के तीन पत्रकारों के खिलाफ पुलिसिया जांच का कड़ा विरोध जताते हुए पत्रकार संघों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने तीनों पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर रद्द किए जाने और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मामले की जांच की मांग की है।
कारवां पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की जांच का पत्रकार संघों ने किया विरोध
Delhi Police: दिल्ली के भजनपुरा में कारवां मैगजीन के तीन पत्रकारों के साथ हुई मारपीट मामले में पुलिस के रुख पर पत्रकार संघों ने कड़ा विरोध जताया है। घटना के चार साल बाद दिल्ली पुलिस ने हिंसक भीड़ के हमले में पीड़ित तीनों पत्रकारों के खिलाफ ही मुकदमा चलाने का फैसला किया है। इन पत्रकारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 153 ए जैसी गंभीर गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पत्रकार संघों ने इसका कड़ा विरोध जताते हुए इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है और कारवां मैगजीन के तीनों पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है।
11 अगस्त 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में कारवां मैगजीन के तीन पत्रकार एक घटना को कवर करने गए थे। इन पत्रकारों में शाहिद तांत्रे, प्रभजीत सिंह और एक महिला पत्रकार शामिल थीं। जब तीनों पत्रकार घटना को कवर कर रहे थे, तभी उनपर भीड़ ने हमला कर दिया। पत्रकारों को सांप्रदायिक गालियां दी गईं और जान से भी मारने की धमकी मिली, यहां तक कि महिला पत्रकार के साथ यौन उत्पीड़न भी किया गया। घटना के बाद तीनों पत्रकारों ने भजनपुरा थाने में इस घटना की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने घटना के तीन दिन तक एफआईआर दर्ज नहीं की थी।
चार साल बाद पत्रकारों के खिलाफ शुरू हुई जांच
घटना के चार साल बीत जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने पीड़ित तीनों पत्रकारों के खिलाफ ही मुकदमा चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। कारवां मैगजीन की ओर से बताया गया है कि दिल्ली पुलिस का कहना है कि पत्रकारों की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के विरोध में काउंटर एफआईआर भी दर्ज की गई थी। पुलिस ने तीनों पत्रकारों के खिलाफ धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 153ए (सांप्रदायिक द्वेष बढ़ाना) जैसी गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
'दंगाई नहीं हैं पत्रकार'
इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस के रुख पर पत्रकार संघों ने कड़ा विरोध जताया है। दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (DUJ) और बृहन्मुंबई यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि कारवां मैगजीन के पत्रकार दंगाई नहीं हैं। हम इस घटना से स्तब्ध हैं कि दिल्ली पुलिस ने चार साल पहले हुई एक घटना के लिए कारवां पत्रिका के लिए रिपोर्टिंग करने वाले तीन पत्रकारों पर मुकदमा चलाने का फैसला किया है। पत्रकार संघों ने संयुक्त रूप से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की जांच रोकी जाए और पूरे प्रकरण की दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जांच की जाए। उन्होंने कहा, हम एफआईआर को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं और विशेष रूप से कारवां पर हमला मानते हैं जो अपनी साहसिक और स्वतंत्र रिपोर्टिंग, विश्लेषण और खुलासे के लिए प्रतिष्ठित है। वहीं, DIGIPUB ने भी कारवां पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा है कि हम उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा थाने में कारवां के पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की कड़ी निंदा करते हैं। हम दिल्ली पुलिस से अपील करते हैं कि वह निष्पक्ष और बिना किसी पक्षपात के अपना कर्तव्य निभाए, उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रोके और कारवां के पत्रकारों द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की उचित जांच करे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
आज की ताजा खबर Live 13 नवंबर-2024 हिंदी न्यूज़: झारखंड में पहले चरण का मतदान आज, झारखंड हाईकोर्ट ने धोनी को जारी किया नोटिस ; पढ़ें हर छोटी-बड़ी खबरें
तालिबान ने इकरामुद्दीन कामिल को मुंबई में कार्यवाहक वाणिज्यदूत नियुक्त किया, पहली बार हुआ ऐसा
बुधवार को बिहार दौरे पर रहेंगे पीएम मोदी, देंगे 12100 करोड़ की परियोजनाओं का तोहफा, दरभंगा एम्स की रखेंगे आधारशिला
आगरा की अदालत ने किसानों, गांधी पर टिप्पणी के लिए कंगना रनौत को जारी किया नोटिस
सलमान को धमकी भरे संदेश भेजने का आरोपी 24 वर्षीय शख्स गिरफ्तार, मुंबई पुलिस का एक्शन
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited