Justice Abhijit Ganguly: कौन हैं जस्टिस अभिजीत गांगुली? जो हाईकोर्ट से इस्तीफा देकर BJP में होंगे शामिल, लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
Justice Abhijit Ganguly Resign: जस्टिस अभिजीत गांगुली ने करीब 14 मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। अपने फैसलों में वह अक्सर टीएमसी और ममता सरकार पर कड़ी टिप्पणियों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। अब वह इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट से लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।



कौन हैं जस्टिस अभिजीत गांगुली
Justice Abhijit Ganguly Resign Latest News: कलकत्ता हाईकोर्ट के चर्चित जस्टिस अभिजीत गांगुली (गंगोपाध्याय) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे का ऐलान उन्होंने 3 मार्च को ही कर दिया था। इसके बाद सोमवार को उन्होंने अपने लंबे न्यायिक करियर का आखिरी फैसला सुनाया। अब जस्टिस अभिजीत गांगुली राजनीति में एंट्री करने जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, 7 मार्च को वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होंगे। उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चा चल रही है।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में ईस्ट मेदिनीपुर की तमलुक लोकसभा सीट से जस्टिस अभिजीत गांगुली को टिकट मिल सकता है। इस सीट से पिछली बार टीएमसी के दिब्येंदु अधिकारी चुनाव जीते थे। यह सीट टीएमसी का गढ़ भी मानी जाती है। बता दें, जस्टिस अभिजीत गांगुली अक्सर अपने फैसलों में तृणमूल कांग्रेस और उसकी सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणियों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। अब राजनीति में एंट्री लेकर टीएमसी के खिलाफ ही बिगुल फूंक सकते हैं। आइए जातने हैं जस्टिस अभिजीत गांगुली और उनके बड़े फैसलों के बारे में...
स्कूली पढ़ाई से लेकर न्यायिक करियर
जस्टिस अभिजीत गांगुली ने कोलकात के मित्र इंस्टीट्यूशन से स्कूली पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने महानगर के ही हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज के दिनों में अभिजीत गांगुली ने बांग्ला थिएटर में भी काम किया। जानकारी के मुताबिक, अभिजीत गांगुली ने पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस के एक ग्रेड ऑफिसर के तौर पर अपना करियर शुरू किया। हालांकि, बाद में उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सरकारी वकील के तौर पर कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। 2 मई, 2018 को जस्टिस गांगुली ने बतौर अतिरिक्त जज काम शुरू किया और 30 जुलाई, 2020 को वो स्थाई जज बन गए।
सुनाए कई अहम फैसले
61 साल के जस्टिस अभिजीत गांगुली ने बीते ढाई साल में 95 आदेश दिए हैं। इसमें चर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की केंद्रीय एजेंसियों से जांच से लेकर मनरेगा और केंद्रीय फंड में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच भी शामिल है। बता दें, 2022 में अभिजीत गांगुली ने पश्चिम बंगाल के सरकार स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच का निर्देश दिया था। इस फैसले को लेकर उन्होंने एक इंटरव्यू भी दिया था, जिससे सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया था।
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