Justice DY Chandrachud: दादा थे दीवान, पिता रहे CJI और अब बेटा भी बना प्रधान न्यायाधीश; दे चुके हैं ये बड़े फैसले
जस्टिस चंद्रचूड़ आधार कार्ड से लेकर अयोध्या भूमि विवाद, निजता के अधिकार से लेकर आईपीसी के सेक्शन 377 और सबरीमाला सरीखे अहम मुद्दों पर दिए फैसलों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वह जस्टिस उदय उमेश ललित की जगह लेंगे। उन्होंने 11 अक्टूबर, 2022 को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ महाराष्ट्र के मुंबई शहर में काफी दिन रहे हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) बुधवार (नौ नवंबर, 2022) को देश के 50वें सीजेआई (Chief Justice of India) के तौर पर शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने उन्हें सुबह 10 बजे दिल्ली (Delhi) स्थित राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। जस्टिस चंद्रचूड़ इसी के साथ अपना ऑफिस संभालेंगे और उनका कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक रहेगा। महाराष्ट्र के पुणे से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के फिलहाल दूसरे सबसे सीनियर जज हैं। 11 नवंबर, 1959 को जन्में जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें सीजेआई थे, जिनका कार्यकाल दो फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक रहा था।
वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज, फैकल्टी ऑफ लॉ और फिर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं। साल 1983 में उन्होंने एलएलएम किया था, जबकि 1986 में ज्यूरीडीशियल साइंसेज़ में उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। जस्टिस चंद्रचूड़ बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं। साथ ही वह 1998 से 2000 के बीच एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया की भूमिका निभा चुके हैं।
उनके दादा विष्णु बी चंद्रचूड़ सांवतवाड़ी (मौजूदा समय में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिला) के दीवान हुआ करते थे। बॉम्बे में पले-बढ़े जस्टिस चंद्रचूड़ हमेशा संगीतमय माहौल से घिरे रहे। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके दिवंगत पिता ट्रेन्ड क्लासिकल म्यूजीशियन थे और मां ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) में गाया करती थीं। वह अपनी मां प्रभा की म्यूजिक टीचर किशोरी अमोन्कर के फैन थे, जो कि हर रोज उनके घर आया करती थीं।
परिवार के सूत्रों ने अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि जस्टिस साहब ने बचपन में अमोन्कर से ऑटोग्राफ भी मांगा था। 12 साल के हुए तो वह दिल्ली आ गए। वे लोग तब दिल्ली के तुगलक रोड पर बने बंगले में रहते थे। उन दिनों वह तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस केके मैथ्यू के बेटे के साथ फुटबॉल और क्रिकेट खेलते थे, जो अब जस्टिस जोसेफ के तौर पर जाने जाते हैं और वह सुप्रीम कोर्ट की शीर्ष फैसला लेने वाली टीम का हिस्सा हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited