कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा पहुंचे इलाहाबाद हाईकोर्ट, ली शपथ; बार एसोसिएशन नाराज

दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित किए गए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को गुप्त तरीके से शपथ दिलाए जाने पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दुख व्यक्त किया है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली।

Justice Yashwant Varma

कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा

आधिकारिक आवास से नोटों के अधजले बंडल मिलने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट से स्थानांतरित किए गए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण किया। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। यह शपथ मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली द्वारा अपने चैंबर में सुबह साढ़े नौ बजे दिलाई गई। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को गुप्त तरीके से शपथ दिलाए जाने पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दुख व्यक्त किया है।

ये भी पढ़ें- जजों के खिलाफ कौन और कब ला सकता है महाभियोग प्रस्ताव, क्या कहता है संविधान? कैश कांड में फंसे जस्टिस वर्मा भी इसके दायरे में

नहीं मिलेगा न्यायिक कार्य

बताया जा रहा है कि उन्हें तब तक कोई न्यायिक कार्य नहीं दिया जाएगा, जब तक उनके खिलाफ चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती है। शपथ ग्रहण के बाद हाई कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में उनका नाम भी शामिल हो गया है।

बार एसोसिएशन नाराज

उधर, इलाहाबाद हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण का विरोध किया। एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय ने अपने पत्र में कहा है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को शपथ ग्रहण कराने से पहले बार एसोसिएशन को बताया नहीं गया। हाई कोर्ट के ज्यादातर जजों को भी शपथ ग्रहण की सूचना नहीं दी गई। इस तरह का शपथ ग्रहण अस्वीकार्य है और बार एसोसिएशन इसकी निंदा करता है। बार एसोसिएशन ने मांग की है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई भी न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य न सौंपें। एसोसिएशन की तरफ से इस पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, कानून मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और लखनऊ बेंच के सभी न्यायाधीशों को भेजी गई है।

चल रही है जांच

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने होली के मौके पर न्यायाधीश यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास के बाहरी हिस्से में आग लग गई थी। नोट की गड्डियों के बारे में खुलासा आग बुझाने के लिए पहुंचे अग्निशमन दल ने किया था। इसका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। इसके बाद न्यायमूर्ति वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उन्होंने आरोपों से इनकार किया और उसे साजिश बताया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने 22 मार्च को एक आंतरिक जांच शुरू की और न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए हाई कोर्ट के तीन न्यायाधीशों का पैनल भी बनाया है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited