बाईजा बाई ने अहिल्या बाई के साथ मिलकर किया था ज्ञानवापी का संरक्षण, ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा दावा
Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, काशी के कई घाट सिंधिया परिवार के शासकों ने बनवाए हैं। सिंधिया ने आगे कहा कि सिर्फ घाट ही नहीं सिंधिया परिवार ने कई मंदिरों को भी संरक्षण किया, जब विदेशी आक्रमणकारी हमारे देश में आए थे।
Jyotiraditya Scindia
Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा दावा किया है। सिंधिया ने ज्ञानवापी से अपने जुड़ाव को बताते हुए कहा है कि विदेशी आक्रमण से ज्ञानवापी का संरक्षण सिंधिया परिवार की महारानी बाईजा बाई ने मालवा साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई होलकर के साथ मिलकर किया था।
सिंधिया ने ये दावा ग्वालियर प्रवास के दौरान रविवार को फूलबाग के समीप आयोजित रामलीला समारोह में शिरकत करते हुए अपने संबोधन में किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि काशी और ग्वालियर का भी रिश्ता है। काशी के कई घाट सिंधिया परिवार के शासकों ने बनवाए हैं। सिंधिया ने आगे कहा कि सिर्फ घाट ही नहीं सिंधिया परिवार ने कई मंदिरों को भी संरक्षण किया, जब विदेशी आक्रमणकारी हमारे देश में आए थे।
महादजी सिंधिया ने किया था कई मंदिरों का संरक्षण
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, जब विदेशी आक्रमणकारी हमारे देश में आए तब महादजी सिंधिया ने काशी के कई मंदिरों का संरक्षण किया था और महारानी बाईजा बाई ने मालवा साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई होलकर के साथ मिलकर ज्ञानवापी कुएं में शिवलिंग का संरक्षण करके उसे दोबारा काशी में स्थापित किया था। सिंधिया ने अपने संबोधन में नवरात्र में अष्टमी को हिन्दू राष्ट्र का बहुत बड़ा दिन बताया। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ हिन्दू राष्ट्र के लिए ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में हिंदू धर्म से जुड़े इंडोनेशिया से लेकर लंका तक और कंबोडिया से लेकर थाईलैंड तक सभी के लिए अहम है। जो हमारे मूल्य और सिद्धांतों के साथ जुड़ा है।
केंद्रीय मंत्री ने की पूजा-अर्चना
इससे पहले सिंधिया ने पत्नी प्रियदर्शनी राजे और बेटे महा आर्यमन के साथ राम दरबार की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी। इस मौके पर सिंधिया ने रामलीला में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी का किरदार निभा रहे कलाकारों की भी परम्परागत ढंग से पूजा की। इस दौरान सिंधिया ने सपरिवार रामलीला का मंचन देखा और आयोजकों को भव्य और सफल आयोजन की बधाई दी। बता दें कि ग्वालियर में रामलीला के मंचन की शुरुआत सिंधिया परिवार ने 77 वर्ष पहले की थी, जो निरन्तर जारी है। यही वजह है कि ग्वालियर में हर साल भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें सिंधिया परिवार का मुखिया विशेष रूप से उपस्थिति दर्ज कराता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में रामलीला आयोजन समिति लश्कर के आयोजनकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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