कण कण में राम: अयोध्या से मनोज मुंतशिर की राम कथा, सरयू के तट गीतकार की प्रायश्चित
कण-कण में राम: जब नाविका कुमार ने पूछा कि आदिपुरुष वाले मनोज मुंतशिर और आज के मनोज मुंतशिर में क्या बदलाव आया है। तब मनोज ने कहा कि आदिपुरुष में मुझसे कुछ भूल हुई, उसके लिए मैंने क्षमा मांगी।
अयोध्या से मनोज मुंतशिर की राम कथा
कण-कण में राम: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Inauguration) को लेकर अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है। आगामी 22 जनवरी को रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। वहीं इसको लेकर गीतकार मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने Times Now Navbharat से Exclusive बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पल के लिए हमारे पूर्वजों ने 500 साल का रास्ता देखा है।
एक बार फिर मांगी माफी
मनोज मुंतशिर ने ये बातें टाइम्स नाउ नवभारत के कार्यक्रम 'कण-कण के राम' में कहीं। चैनल की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार को दिए साक्षात्कार के दौरान उन्होंने राम मंदिर आंदोलन, पर भी खुलकर बात की। साथ ही अपने अंदर आए बदलाव पर भी बात की। जब नाविका कुमार ने पूछा कि आदिपुरुष वाले मनोज मुंतशिर और आज के मनोज मुंतशिर में क्या बदलाव आया है। तब मनोज ने कहा कि आदिपुरुष में मुझसे कुछ भूल हुई, उसके लिए मैंने क्षमा मांगी। मुंतशिर ने आगे कहा कि जिनका भी आदिपुरुष की वजह से दिल दुखा है, मैं फिर से विनम्रता के साथ अपनी गलती स्वीकार करता हूं।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर क्या कहा
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का दिन करीब आ रहा है। लाखों लोगों की महनत रंग ला रही है। लेकिन इसके बाद कई लोग प्राण प्रतिष्ठा पर अनेक सवाल उठा रहे हैं। उसी पर मनोज मुंतशिर ने कहा की ये ' क्यों ' वोले जो लोग हैं वह श्रीराम के छोड़े हुए लोग हैं।
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