जब कारगिल युद्ध में भारतीय वायुसेना की हुई एंट्री, पाकिस्तानी मंसूबों का ऐसे हुआ खात्मा

Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल युद्ध में दुश्मनों के नापाक मंसूबों का The End करने में इंडियन एयरफोर्स की बड़ी भूमिका थी। पाकिस्तान की गुस्ताखी का हिसाब करने के लिए वायुसेना के फाइटर जेट मिग और मिराज ने जब उड़ान भरी तो पाकिस्तानी सैनिक भाग खड़े हुए।

भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को सिखाया सबक।

Indian Airforce In Kargil: कारगिल युद्ध की फतह में इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी की बड़ी भूमिका थी। इस जंग में भारतीय वायुसेना के शामिल होने से पहले थलसेना ने मोर्चा संभाल रखा था। करीब दो महीने तक चलने वाले कारगिल युद्ध में इंडियन एयरफोर्स ने नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया, इसके बावजूद इंडियन फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान में दहशत पैदा कर दी थी। 26 मई, 1999 की सुबह साढ़े 6 बजे वायुसेना ने पहला हमला शुरू किया. जिसमें मिग-21, मिग-27 (एमएल) और मिग-23 (बीएन) लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया था।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता मिग-27 उड़ा रहे

इंडियन एयर फोर्स ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी पूरी ताकत के साथ पाकिस्तान पर हमले की तैयारी कर ली थी। कारगिल युद्ध में इंडियन एयरफोर्स के ऑपरेशन में फ्लाइट लेफ्टिनेंट कम्बमपति नचिकेता मिग-27 उड़ा रहे थे। नचिकेता को कारगिल के बटालिक सेक्‍टर से दुश्‍मन को खदेड़ने की जिम्‍मेदारी दी गई थी, उनके एयरक्राफ्ट के इंजन को पाकिस्‍तान की स्टिंगर मिसाइल ने हिट किया और उनका जेट क्रैश हो गया।

नचिकेता के साथ पाकिस्तानियों ने किया ये सलूक

नचिकेता का जेट तो भारतीय सीमा में गिरा लेकिन वे पीओके में जा गिरे। नचिकेता को पाकिस्‍तान की सेना ने पकड़ लिया और वह पहले प्रिजनर ऑफ वॉर माने गए। पाक सेना उन्‍हें लेकर रावलपिंडी गई और यहां पर उन्‍हें बुरी तरह से पीटा गया। नचिकेता करीब एक हफ्ते तक बंदी रहे और तीन जून 1999 को पाक ने उन्‍हें रिहा किया गया था।

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