Karnataka Election: BJP के खिलाफ 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' Ad छपवाने पर फंसी कांग्रेस, EC ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस ने 2019 और 2023 के बीच राज्य में 'भ्रष्टाचार दर' को सूचीबद्ध करते हुए पोस्टर और विज्ञापन जारी किए तथा भाजपा सरकार को 'ट्रबल इंजन' करार दिया।

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चुनाव आयोग ने कहा-पार्टी यदि सात मई को शाम सात बजे तक साक्ष्य साझा करने में विफल रहती है, तो उसे कारण बताना होगा

Corruption Rate Card Advertisement: निर्वाचन आयोग (EC) ने भाजपा (BJP) के खिलाफ अखबारों में प्रकाशित 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' (Corruption Rate Card) विज्ञापनों को लेकर कांग्रेस की कर्नाटक इकाई (KPCC) को नोटिस जारी किया और कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए रविवार शाम तक 'अनुभवजन्य' साक्ष्य उपलब्ध कराए जाएं, भारतीय जनता पार्टी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद शनिवार को नोटिस जारी किया गया।आदर्श आचार संहिता, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि यह 'प्रथम दृष्टया' प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने विज्ञापन प्रकाशित कर आदर्श संहिता के प्रावधान का 'उल्लंघन' किया है।

निर्वाचन आयोग ने अपने नोटिस में कहा, 'यह एक उचित धारणा है कि कांग्रेस के पास सामग्री/अनुभवजन्य/सत्यापन योग्य साक्ष्य हैं, जिसके आधार पर ये विशिष्ट/स्पष्ट 'तथ्य' प्रकाशित किए गए हैं, एक ऐसी कार्रवाई जिसका लेखक के ज्ञान, इच्छा और ऐसा करने के पीछे की मंशा का पता लगाने के लिए निष्पक्ष रूप से मूल्यांकन किया जा सकता है।'

'इसे सार्वजनिक मंच पर भी रखा जाए'

इसने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से कहा कि सात मई 2023 को शाम सात बजे तक अनुभवजन्य साक्ष्य उपलब्ध कराए जाएं, उदाहरण के लिए विज्ञापन में उल्लिखित नियुक्तियों और स्थानांतरण, नौकरियों के प्रकार और कमीशन के प्रकारों के लिए दरों का प्रमाण, और यदि कोई स्पष्टीकरण हो तो साथ में वह भी दिया जाए। इसने कहा कि इसे सार्वजनिक मंच पर भी रखा जाए।

आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए?

इसने कहा कि पार्टी यदि सात मई को शाम सात बजे तक साक्ष्य साझा करने में विफल रहती है, तो उसे कारण बताना होगा कि 'आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम तथा भादंसं के तहत प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए।'

'संबंधित कानूनों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है'

निर्वाचन आयोग ने कहा कि विरोधी दलों की नीति एवं शासन की आलोचना संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकार के साथ-साथ भारतीय चुनावी प्रक्रिया के तहत विभिन्न राजनीतिक अदाकारों का एक आवश्यक कार्य है। इसने कहा, 'हालांकि, इस अधिकार का प्रयोग करते हुए और इस आवश्यक कार्य को करते हुए, विभिन्न राजनीतिक दलों से सार्वजनिक संवाद के उच्च मानकों को बनाए रखने और आदर्श आचार संहिता के विभिन्न प्रावधानों तथा संबंधित कानूनों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है।'

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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