Karnataka Bandh: बेंगलुरु के बाद अब 29 सितंबर को कर्नाटक बंद, जानिए क्या है पूरा विवाद
Karnataka Bandh On 29th September 2023: तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक में विवाद तेज हो गया है। मंगलवार को बेंगलुरु में बंद से जनजीवन प्रभावित नजर आरहा है। वहीं कन्नड़ समर्थक समूहों ने 29 सितंबर को राज्यव्यापी हड़ताल की योजना बनाई है। यानी 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की की घोषणा की गई है।
कन्नड़ समर्थक समूहों ने 29 सितंबर को राज्यव्यापी हड़ताल की योजना बनाई है।
Karnataka Bandh News: तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ किसानों और कन्नड़ संगठनों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच इस सप्ताह में दो बंद का आह्वान किया गया है। पहला मंगलवार को बेंगलुरु बंद है, जिसके चलते लोगों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम नजर आई। वहीं दूसरे बंद की घोषणा 29 सितंबर को की गई है। कन्नड़ समर्थक समूहों ने 29 सितंबर को राज्यव्यापी हड़ताल की योजना बनाई है। कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व वाले ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई। इस बंद का कई समूहों ने समर्थन किया है।
कर्नाटक बंद और बेंगलुरु बंद का कई संगठनों ने किया समर्थन
किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में बेंगलुरु बंद का आह्वान किया गया। कई किसान संघों और अन्य संगठनों एक प्रमुख संगठन ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ के मंगलवार को बेंगलुरु बंद बुलाया, जिसे कई संगठनों से समर्थन मिला है। वहीं वतल नागराज ने बताया कि उन्होंने ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ से अपने बंद के आह्वान को स्थगित करने और 29 सितंबर को उनके साथ मिलकर बंद में हिस्सा लेने का आग्रह किया है। ऐसे में अब 29 सितंबर को राज्यव्यापी हड़ताल की योजना बनाई गई है।
बेंगलुरु में बंद से जनजीवन प्रभावित, पार्टियों ने भी दिया समर्थन
इस बंद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) ने समर्थन दिया है। किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में, किसान संघों और अन्य संगठनों के एक प्रमुख संगठन 'कर्नाटक जल संरक्षण समिति' ने मंगलवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बेंगलुरु बंद का आह्वान किया है। ‘टाउन हॉल’ की ओर विरोध मार्च निकालने की कोशिश कर रहे शांताकुमार और ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ के अन्य नेताओं को पुलिस ने मैसूरु बैंक सर्कल में हिरासत में ले लिया। टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए कन्नड़ संगठनों के कई कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने वहां से हटा दिया।
बेंगलुरु बंद को देखते हुए लागू की गई धारा-144
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार आधी रात से मंगलवार आधी रात तक शहर भर में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मौजूदा प्रतिबंधों और अदालत के आदेशों के अनुसार, शहर में किसी भी बंद या जुलूस की अनुमति नहीं है। दयानंद ने कहा, 'बल प्रयोग करके कोई भी बंद को जबरन लागू नहीं करा सकता है। बंद केवल उन्हीं मामलों में संभव है, जब कोई स्वेच्छा से इसे लागू करना चाहता हो।'
आज के बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं वतल नागराज
‘कन्नड़ ओक्कुटा’ के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई है। वे आज के बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं। बेंगलुरु शहरी जिले के उपायुक्त दयानंद के. ए. ने बंद के मद्देनजर मंगलवार को शहर के सभी स्कूल और कॉलेज में छुट्टी की घोषणा की है। कैब सेवाएं, ऑटो और होटल/रेस्तरां सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन वाहन चालकों और होटल संचालकों ने कहा कि बहुत अधिक लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे। बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) की बस और मेट्रो रेल सेवाओं की भी यही स्थिति है। बस और मेट्रो स्टेशन पर भीड़ अपेक्षाकृत कम देखी गई।
होटल मालिक संघ ने बेंगलुरु बंद पर क्या कहा?
‘ओला-उबर चालक संघ’ और होटल मालिक संघ ने कहा है कि आज उनकी सेवाएं सामान्य रहेंगी। उन्होंने कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा बुलाए गए 29 सितंबर के कर्नाटक बंद को समर्थन देते हुए कहा कि वे वित्तीय कठिनाइयों के बीच दो दिन काम का नुकसान नहीं कर सकते। आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र सहित अधिकतर निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। शहर के कुछ मॉल को बंद रखने का फैसला किया गया है। कई दुकानें और प्रतिष्ठान भी सुबह सामान्य दिनों की तरह काम करते दिखाई नहीं दिए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने सोमवार को प्रदर्शन तेज होने के बीच कहा था कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए।
क्या है कावेरी नदी के पानी से जुड़ा पूरा विवाद?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और विनियमन समिति के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के बाद कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। इन आदेशों में कर्नाटक को पड़ोसी तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया गया था। किसान संगठन और कन्नड़ समर्थक संगठन कावेरी बेसिन जिलों मैसूर, मांड्या, चामराजनगर, रामनगर, बेंगलुरु और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे राज्य सरकार से पड़ोसी राज्य के लिए पानी नहीं छोड़ने का आग्रह कर रहे हैं। कर्नाटक का कहना है कि वह जल छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि मानसून में कम बारिश के कारण पानी की कमी है तथा कावेरी बेसिन इलाकों में खड़ी फसल की सिंचाई और पेयजल संबंधी आवश्यकताओं के कारण उसे स्वयं इसकी जरूरत है।
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