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Karnataka: '4% कोटा केवल मुसलमानों के लिए नहीं...' डीके शिवकुमार बोले- इसमें पिछड़े वर्ग के लोग भी शामिल

Karnataka Budget: डीके शिवकुमार ने 4 प्रतिशत कोटा मुद्दे पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का समर्थन किया है। शिवकुमार ने हुबली में संवाददाताओं से कहा कि 4 प्रतिशत कोटा केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि सभी अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के लिए है।

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4 कोटा केवल मुसलमानों के लिए नहीं: डीके शिवकुमार

Karnataka Budget: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने 4 प्रतिशत कोटा मुद्दे पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का समर्थन किया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार के इस कदम को विपक्ष ने मुसलमानों को खुश करने का कदम बताया है। यह कोटा नौकरियों या शिक्षा के लिए नहीं है, बल्कि ठेकेदारों को 1 करोड़ रुपये तक की सरकारी परियोजनाओं के लिए बोली लगाने के लिए है। शिवकुमार ने इस बात से इनकार किया कि 4 प्रतिशत कोटा केवल मुसलमानों के लिए है। शिवकुमार ने हुबली में संवाददाताओं से कहा कि 4 प्रतिशत कोटा केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि सभी अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के लिए है।

बता दें, सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य बजट 2025-26 में सरकारी अनुबंधों में आरक्षण की घोषणा की और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए 42,018 करोड़ रुपये आवंटित किए। उन्होंने अपने भाषण में किसी समुदाय का नाम नहीं लिया, लेकिन बजट में श्रेणी 2बी को शामिल किया गया, जिसमें विशेष रूप से मुसलमान शामिल हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता अधिनियम के प्रावधानों के तहत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, श्रेणी-I, श्रेणी-IIA और श्रेणी-IIB ठेकेदारों को कार्यों में प्रदान किया जाने वाला आरक्षण बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन आज किया गया और उसे मंजूरी दे दी गई।

अब सरकारी विभागों, निगमों और संस्थाओं के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, श्रेणी 1, श्रेणी 2ए और श्रेणी 2बी के आपूर्तिकर्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का आरक्षण दिया जाएगा। अल्पसंख्यक नेताओं ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े समुदायों के लिए दिए गए आरक्षण के समान मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत ठेका कार्यों को आरक्षित करने का अनुरोध प्रस्तुत किया। इसके बाद सिद्धारमैया के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें विधेयक पेश करने के बारे में चर्चा की गई। राज्य सरकार ने अंततः कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम, 1999 में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया। सूत्रों ने बताया कि वित्त विभाग ने पहले ही खाका तैयार कर लिया था और कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने संशोधन पर सहमति जता दी।

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