केंद्र के खिलाफ कर्नाटक कांग्रेस विधायकों का जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन, सीएम और डिप्टी-सीएम भी जुटे

विरोध प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक के सभी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों से संपर्क किया है और उनसे समर्थन की अपील की है।

Karnataka congress

कर्नाटक विधायकों-नेताओं का प्रदर्शन

Karnataka Congress: केंद्र सरकार की टैक्स हस्तांतरण नीति के खिलाफ कर्नाटक के कांग्रेस विधायक और सांसद आज नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन की तैयारी के लिए कांग्रेस विधायक पहले ही दिल्ली पहुंच चुके थे। उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार जंतर-मंतर पर व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहे हैं, जहां विरोध-प्रदर्शन होना है। जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में 135 कांग्रेस विधायकों, 28 एमएलसी, एक लोकसभा सांसद और पांच राज्यसभा सांसदों के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें निर्दलीय विधायक दर्शन पुत्तनैया भी शामिल हो सकते हैं। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन में विधायकों के साथ-साथ कर्नाटक के कांग्रेस पदाधिकारियों और युवा कांग्रेस के सदस्यों के भी शामिल होंगे।

डीके शिवकुमार का केंद्र पर निशाना

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार केंद्र सरकार के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के जंतर मंतर पर।

सिद्धारमैया ने की समर्थन की अपील

विरोध प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक के सभी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों से संपर्क किया है और उनसे समर्थन की अपील की है। 5 फरवरी को लिखे पत्रों में सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक के प्रति जारी अन्याय और उपेक्षा के जवाब में "चलो दिल्ली" नाम से विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

सीएम ने कहा, केंद्र कर रही राज्य की उपेक्षा

मुख्यमंत्री ने सांसदों को लिखे पत्र में कहा है- कर्नाटक को टैक्स हिस्सेदारी के वितरण में घोर अन्याय, विभिन्न परियोजनाओं के लिए अनुमति और मदद देने में उपेक्षा और देरी राज्य में लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। इसकी जानकारी जिम्मेदार निर्वाचित प्रतिनिधियों को है। इसलिए, कर्नाटक के सभी लोगों की ओर से मैं आपसे इस आंदोलन में भाग लेने और इसे सफल बनाने का अनुरोध करता हूं। सिद्धारमैया ने अपने पत्र में कहा कि असमान कर वितरण और परियोजना मंजूरी में देरी का कर्नाटक के लोगों के जीवन पर असर पड़ रहा है। उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधियों से राज्य के हितों की वकालत करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

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