कर्नाटक के डॉक्टरों का कमाल: गिटार बजाने में मस्त रहा अमेरिकी संगीतकार, डॉक्टरों ने की ब्रेन की सर्जरी

Karnataka Doctors Brain Surgery On US Musician: लॉस एंजिल्स के निवासी जोसेफ डिसूजा (65) को 'गिटारिस्ट डिस्टोनिया' नाम की बीमारी थी। इस बीमारी का कोई ज्ञात इलाज नहीं है। कर्नाटक के डॉक्टरों ने उनकी ब्रेन सर्जरी की।

Karnataka doctors

Karnataka doctors

Karnataka Doctors Brain Surgery On US Musician: बेंगलुरु के भगवान महावीर जैन अस्पताल के डॉक्टरों ने एक अमेरिकी संगीतकार के ब्रेन की सर्जरी सफलतापूर्वक की है। दिलचस्प बात यह है कि सर्जरी के दौरान मरीज को गिटार बजाने की अनुमति दी गई। लॉस एंजिल्स के निवासी जोसेफ डिसूजा (65) को 'गिटारिस्ट डिस्टोनिया' नाम की बीमारी थी। इस बीमारी का कोई ज्ञात इलाज नहीं है। जोसेफ इस स्थिति के साथ करीब 20 साल तक रहे और अपनी तंत्रिका में यह छोटा सा सुधार करवाने के लिए संघर्ष करते रहे।

भगवान महावीर जैन अस्पताल के पीआरएस न्यूरोसाइंसेज के स्टीरियोटैक्टिक एवं फंक्शनल न्यूरोसर्जन डॉ. शरण श्रीनिवासन तथा वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और मूवमेंट डिसऑर्डर विशेषज्ञ डॉ. संजीव सीसी ने गिटारिस्ट डिस्टोनिया से पीड़ित मरीज का सफलता इलाज किया। डॉ. शरण श्रीनिवासन ने कहा कि एमआरआई निर्देशित स्टीरियोटैक्टिक न्यूरोसर्जरी विशेष सर्जनों द्वारा की जाती है, जिन्हें 'फंक्शनल न्यूरोसर्जन' कहा जाता है।

सर्जरी के दौरान सात घंटे तक जगता रहा मरीज

उन्होंने बताया, हमने आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) करंट का उपयोग करके वीओ थैलेमोटॉमी किया। इसका मतलब है मस्तिष्क के अंदर एक सर्किट को नष्ट करना या 'जला देना' है। इस लाइव सर्जरी में मरीज को सात घंटे की पूरी प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से जगे रहना पड़ता है - इसमें सिर पर एक टाइटेनियम, स्टीरियोटैक्टिक फ्रेम को ठीक करना शामिल है, जिसमें आगे की तरफ दो स्क्रू और सिर के पीछे दो स्क्रू होते हैं, जो उसकी खोपड़ी में पेंच किए जाते हैं और फिर मस्तिष्क का एक विशेष 'स्टीरियोटैक्टिक एमआरआई' कैप्चर किया जाता है।

5वें बर्न के बाद ठीक हुआ मरीज

उन्होंने कहा, "इसके बाद, ये एमआरआई इमेजेस विशेष सॉफ्टवेयर में लोड की जाती हैं, जिसमें संभावित 'गलत काम कर रहे मस्तिष्क सर्किट' को पहचाना और मैप किया जाता है। एक बार जब मस्तिष्क के अंदर गहरे स्थान पर स्थित वेंट्रालिस ओरालिस नाभिक, जो मोटर थैलेमस में होता है, को लक्षित कर लिया जाता है और सिर/खोपड़ी पर प्रवेश बिंदु निर्धारित कर लिया जाता है, तब सॉफ्टवेयर के द्वारा दोनों लक्ष्य और प्रवेश बिंदु के 'एक्स-वाई-जेड कोऑर्डिनेट्स' की गणना की जाती है।" उन्होंने कहा कि जोसेफ के मामले में प्रवेश बिंदु से लक्ष्य तक की दूरी 10 सेमी थी। उन्होंने कहा, "जैसे ही लक्ष्य बिंदु को उत्तेजित किया गया, जोसेफ को बाएं हाथ की चौथी और पांचवीं अंगुली में हल्की सुन्नता/पैरैस्थेशिया का अनुभव हुआ! और ये ही उनकी समस्या वाली अंगुलियां थीं! इसका मतलब था कि हम अपने लक्ष्य को सटीक रूप से पहचानने में सफल रहे थे। इसके बाद 40-40 सेकेंड के सात 'बर्न' दिए गए। पांचवें 'बर्न' के बाद ही मरीज ने कहा कि वह सामान्य महसूस कर रहा है। अब उसे एक से तीन महीने तक न्यूरो रिहैबिलिटेशन की जरूरत है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited