Karnataka Election: चुनावी जंग हो चुकी है शुरू, लेकिन सेनापति का नहीं है पता! CM फेस पर BJP-CONG क्यों हैं चुप
Karnataka Election: कर्नाटक विधानसभा के लिए एक चरण में चुनाव होना है। राज्य में 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को परिणाम आ जाएगा। पिछले चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली थी। बाद में यह सरकार गिर गई क्योंकि इसके कुछ विधायक बीजेपी के साथ जाकर मिल गए थे।
Karnataka Election 2023: कर्नाटक चुनाव के लिए सीएम फेस पर बीजेपी-कांग्रेस ने नहीं किया है कोई ऐलान
Karnataka Election: कर्नाटक में चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। चुनावी जंग शुरू हो चुकी है, लेकिन सेनापति का इस चुनाव में पता नहीं है। अभी तक न तो बीजेपी ने और न ही कांग्रेस ने सीएम फेस की घोषणा की है। दोनों पार्टियां सामूहिक नेतृत्व पर ही जोर दे रही है। संबंधित खबरें
बीजेपी ने क्यों नहीं किया सीएम फेस की घोषणासंबंधित खबरें
बसवराज बोम्मई पर दागसंबंधित खबरें
बीजेपी की कर्नाटक में इस समय सरकार है। बसवराज बोम्मई सीएम हैं, लेकिन अगली बार वो सीएम रहेंगे या नहीं पता नही? बोम्मई लिंगायत समुदाय से आते हैं। इसी समुदाय से बीएस येदियुरप्पा भी आते हैं, जो कर्नाटक के मजबूत नेताओं में से एक हैं। इस समुदाय पर बीजेपी की तगड़ी पकड़ रही है। बोम्मई को येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी के तौर पर लाया गया था, लेकिन वो इसमें असफल रहे हैं। उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। लिंगायत समुदाय पर भी अच्छी पकड़ नहीं है। यही कारण है कि बीजेपी उनके फेस पर चुनाव में नहीं जाना चाहती है। इसलिए स्थानीय लेवल पर मजबूती के लिए बीजेपी को बीएस येदियुरप्पा को फिर से आगे करना पड़ा है, लेकिन येदियुरप्पा चुनाव के लिए काम तो कर रहे हैं, लेकिन चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।संबंधित खबरें
बीजेपी में गुटबाजी संबंधित खबरें
साथ ही बीजेपी में भी काफी गुटबाजी है। कुछ केंद्रीय मंत्री से लेकर स्थानीय नेता तक एक दूसरे के रास्ते काटने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। कर्नाटक बीजेपी में बोम्मई, येदियुरप्पा और बीएल संतोष का अपना-अपना गुट है। संबंधित खबरें
असम मॉडल की तैयारीसंबंधित खबरें
यही कारण है कि बीजेपी असम मॉडल पर चुनाव की तैयारी कर रही है, जहां सोनोवाल सीएम थे, चुनाव में भी बीजेपी उन्हीं के साथ गई, लेकिन जीत के बाद हिमंत बिस्वा सरमा असम के सीएम बनाए गए। संबंधित खबरें
जातीय समीकरण
सीएम फेस की घोषणा नहीं करने से बीजेपी के जातीय समीकरण भी सध जाएंगे। लिंगायत के साथ-साथ वोक्कालिगा समाज पर भी बीजेपी की नजर है, जिसपर जेडीएस की पकड़ है, और पिछले चुनाव से डीके शिवकुमार के कारण कांग्रेस इसमें सेंध लगा चुकी है। संबंधित खबरें
कांग्रेस ने क्यों नहीं किया सीएम फेस की घोषणासंबंधित खबरें
गुटबाजी का डर
कांग्रेस का हाल भी बीजेपी की तरह ही है। यहां पार्टी सीधे-सीधे दो गुटों में बंटी दिखी है। पहला है पूर्व सीएम सिद्धारमैया का गुट और दूसरा है प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार का गुट। दोनों धाकड़ नेता हैं दोनों की अपने-अपने सामाज पर तगड़ी पकड़ है, ऐसे में कांग्रेस सीएम फेस के नाम पर पार्टी को मुश्किल में नहीं डालना चाह रही है।संबंधित खबरें
जातीय समीकरण
प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समाज से आते हैं, जिसका कर्नाटक की राजनीति में काफी दबदबा है। पहले यह वोट बैंक जेडीएस के पास था, लेकिन डीके शिवकुमार की वजह से कांग्रेस इसमें तगड़ी सेंध लगा चुकी है। सिद्धारमैया कोरबा समुदाय से आते हैं, इस समुदाय के साथ-साथ ओबीसी समुदाय पर भी उनकी पकड़ है। अगर कांग्रेस किसी भी एक को सीएम फेस घोषित करती है तो दूसरा समुदाय नाराज हो सकता है, इसलिए वो इसकी घोषणा नहीं कर रही है।संबंधित खबरें
राहुल-खड़गे कार्डसंबंधित खबरें
इसके साथ ही कांग्रेस राहुल गांधी की सजा और सदस्यता बर्खास्त होने के मुद्दे को भी कर्नाटक में उठा रही है। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे भी कर्नाटक से आते हैं और वहां दलित सामाज पर उनकी काफी पकड़ है। दलित नेता के तौर पर उनकी राज्य में पहचान रही है। इसलिए कांग्रेस किसी एक फेस के बजाय सामूहिक नेतृत्व पर फोकस है। ताकि सभी वोटबैंक को साधा जा सके।संबंधित खबरें
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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