कर्नाटकः नतीजों से पहले दिल्ली में कांग्रेस का जश्नः हेडक्वार्टर पहुंचे 'हनुमान', तेजस्वी का तंज- बजरंगबली BJP से नाराज

Karnataka Election Results 2023: दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना के शुरुआती रुझानों में विपक्षी दल कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आगे थी। मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली कांग्रेस 82 सीट पर, जबकि भाजपा 66 सीट पर बढ़त बनाए हुए थी और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) ने 21 सीट पर शुरुआती बढ़त हासिल की थी।

Karnataka Election Results 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के नतीजे आधिकारिक तौर पर आने से पहले ही कांग्रेस के खेमे में जश्न मनने लगा। शनिवार (13 मई, 2023) को सुबह साढ़े 10 बजे के आसपास देश की राजधानी नई दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के हेडक्वार्टर के बाहर न सिर्फ पटाखे फोड़े गए, बल्कि मिठाई भी बांटी गई।

चुनाव के दौरान जो हनुमान जी बड़ा सियासी मुद्दा बने, उनके गेट-अप में एक व्यक्ति भी कांग्रेस मुख्यालय पहुंचा और उनके पहुंचते ही वहां जय बजरंगबली के नारे लगने लगे। इस बीच, कर्नाटक के कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार ने बेंगलुरू में अपने आवास के बाहर मिठाई वितरण किया।

दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना के शुरुआती रुझानों में विपक्षी दल कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आगे थी। मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली कांग्रेस 82 सीट पर, जबकि भाजपा 66 सीट पर बढ़त बनाए हुए थी और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) ने 21 सीट पर शुरुआती बढ़त हासिल की थी।

वहीं, सुबह 11 बजे के आस-पास रुझानों में कांग्रेस नेता और सूबे के पूर्व सीएम सिद्धरमैया वरुणा में भाजपा के मंत्री वी. सोमन्ना से 2,710 मतों से आगे रहे। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से मैसुरु में दावा किया, "कर्नाटक में हम अपने दम पर सरकार बनाएंगे। कांग्रेस 120 से अधिक सीट जीतेगी।" 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में किसी भी दल को बहुमत के लिए 113 का आंकड़ा चाहिए होगा।

उधर, बिहार के डिप्टी सीएम, लालू यादव के छोटे बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि भगवान बजरंगबली बीजेपी से नाराज हैं।दरअसल, कांग्रेस दफ्तर पर "हनुमान जी" का पहुंचना इसलिए भी रोचक बात है, क्योंकि इस बार सूबे के चुनावी प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा के दौरान जय बजरंगबली का नारा लगाया था। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से लेकर शरद पवार की एनसीपी ने उनकी इस टिप्पणी पर आलोचना की थी।

इससे पहले, सात मई को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और इसकी युवा इकाई बजरंग दल ने देशभर में नौ मई को हनुमान चालीसा का पाठ करने का फैसला किया था। कांग्रेस ने इसी संदर्भ में अपने घोषणा-पत्र में कहा था कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ऐसे में चुनावी जानकारों-विश्लेषकों की ओर से कहा गया कि जिस दल ने बजरंगबली को वोटरों के सामने दांव के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश की वह दक्षिण भारतीय सूबे में पिछड़ती नजर आई और जिस पार्टी के मूल में यह मुद्दा नहीं था और उसने बाद में इस पर जोर दिया, वह आगे निकल गई।

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अभिषेक गुप्ता author

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