अमित शाह ने सबसे पहले येदियुरप्पा के बेटे से गुलदस्ता लेकर चौंकाया, जानिए इसके सियासी मायने

अमित शाह ने येदियुरप्पा के आवास जाकर नाश्ता किया और उनके साथ बातचीत की। शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सक्रियता बढ़ा दी है।

Amit Shah

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह येदियुरप्पा के घर पहुंचे

Amit Shah Karnataka Visit: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के सामने सत्ता बनाए रखने की चुनौती है और बड़े नेताओं के दौरे भी शुरू हो चुके हैं। पार्टी में मचे अंदरुनी घमासान के चलते इस बार बीजेपी की राह कठिन हो गई है। शुक्रवार को कर्नाटक के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यहां आधिकारिक दौरे पर पहुंचे। अमित शाह ने राज्य में बीजेपी के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा के आवास पर जाने के बाद सबसे पहले उनके बेटे बी वाई विजयेंद्र से गुलदस्ता स्वीकार कर पूर्व मुख्यमंत्री समेत पार्टी के कई नेताओं को हैरान कर दिया।

विजयेंद्र से गुलदस्ता स्वीकार करने के मायने

शाह ने येदियुरप्पा के आवास जाकर नाश्ता किया और उनके साथ बातचीत की। शाह द्वारा विजयेंद्र से गुलदस्ता पहले स्वीकार करना इसलिए मायने रखता है, क्योंकि पार्टी में कई लोगों का मानना है कि येदियुरप्पा के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले विजयेंद्र को राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव संबंधी पार्टी की तैयारियों के मद्देनजर बड़ी भूमिका सौंपी जा सकती है। विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।

शाह जैसे ही अपनी कार से उतरे, येदियुरप्पा उन्हें गुलदस्ता देने के लिए आगे बढ़े, लेकिन गृहमंत्री ने उनसे गुलदस्ता अपने छोटे बेटे विजयेंद्र को देने को कहा और फिर उन्होंने पार्टी की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष विजयेंद्र से ही गुलदस्ता स्वीकार किया। शाह ने विजयेंद्र की पीठ भी थपथपाई। खुश नजर आ रहे शाह और विजयेंद्र ने इसके बाद तस्वीरें भी खिंचवाईं। इसके बाद शाह ने येदियुरप्पा से गुलदस्ता स्वीकार किया। बाद में सामने आई तस्वीरों में विजयेंद्र शाह को खुद नाश्ता परोसते दिखे।

कर्नाटक में विधानसभा चुनावों की जल्द होगी घोषणा

यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है और पार्टी इन चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया में है। येदियुरप्पा (80) पार्टी के निर्णय लेने के शीर्ष निकाय संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं। वह हाल में ‘विजय संकल्प यात्रा’ के तहत राज्य भर के दौरे पर थे। बैठक के बाद विजयेंद्र से सवाल किया गया कि उनसे गुलदस्ता स्वीकार करने पर जोर देकर शाह ने क्या कोई राजनीतिक संदेश दिया है, इसके जवाब में उन्होंने कहा, अमित शाह ने बहुत स्नेह से बात की, इससे मुझे बहुत हौसला मिला है। इससे मुझे काम करने की अतिरिक्त शक्ति मिली है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की सलाह पर शिवमोगा के शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र में काम कर रहे हैं और वहां का दौरा कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि यदि सिद्धरमैया मैसुरु के वरुणा से चुनाव लड़ते हैं तो क्या वह उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा कि यह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, पार्टी की कर्नाटक इकाई के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह और मंत्री गोविंद एम करजोल एवं बी श्रीरामुलु भी नाश्ते पर हुई इस बैठक में मौजूद थे।

येदियुरप्पा ने जताई थी नाराजगी

पहले ऐसी खबरें थीं कि येदियुरप्पा 2019 में उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद विजयेंद्र को पार्टी में कोई प्रमुख पद नहीं दिए जाने और विधान पार्षद बनाने के बाद कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाराज थे। येदियुरप्पा ने अपने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करते हुए यह भी कहा था कि वह अपनी शिकारीपुरा विधानसभा सीट खाली कर देंगे और अगर आलाकमान सहमत होता है तो वहां से विजयेंद्र चुनाव लड़ेंगे। विजयेंद्र के बड़े भाई बी वाई राघवेंद्र शिवमोगा से भाजपा के सांसद हैं। विजयेंद्र ने बताया कि शाह येदियुरप्पा के निमंत्रण पर उनके घर आए थे। उन्होंने कहा कि चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में दोनों नेताओं ने राज्य में राजनीतिक परिदृश्य को लेकर विस्तार से चर्चा की।

(Bhasha Input)

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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