Karnataka: इधर पूर्व CM से बोली BJP- मत लड़ो चुनाव, उधर येदियुरप्पा के बेटे को टिकट; ईश्वरप्पा का 'सियासत से संन्यास'
Karnataka Elections 2023: कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान है, जबकि मतगणना 13 मई को होगी। सूबे में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा ने विधानसभा की कुल 224 सीटों में से कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
भाजपा की कर्नाटक इकाई के सीनियर नेता के.एस. ईश्वरप्पा और सूबे के पूर्व सीएम जगदीश शेट्टर। (फाइल)
बकौल पार्टी नेता, "मैं बीते छह चुनावों में 21 हजार वोटों के अंतर से आगे रहा और चुना गया। मेरे माइनस प्वॉइंट क्या हैं?" पत्रकारों से वह आगे बोले- मैं बहुत ज्यादा निराश हूं। मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में पहले ही चुनाव प्रचार अभियान चालू कर चुका था और मैं उसे और रफ्तार दूंगा। चुनाव से खुद को दूर रखने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं सिर्फ एक सवाल पूछता हूं कि मैं छह बार जीता, करियर में कोई दाग भी नहीं है और न ही मेरे खिलाफ कोई आरोप हैं। फिर मुझे चुनाव लड़ने से क्यों दूर किया जा रहा है? मैं पार्टी को यह बताना चाहता हं कि वह मुझे चुनाव लड़ने दे अन्यथा यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा।
येदियुरप्पा के बेटे को टिकट, प्रधान बोले- शेट्टर को...हालांकि, बीजेपी ने मंगलवार रात जो 189 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की, उसमें पार्टी ने 52 नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र अपने पिता के शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। ऐसी चर्चा थी कि पार्टी उन्हें वरुणा से भी उम्मीदवार बना सकती है। सूबे में भाजपा के चुनाव प्रभारी नियुक्त किए गए केंद्रीय धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नयी पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने के मकसद से उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं। रोचक बात है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से विस चुनाव न लड़ने को कहे जाने से अप्रसन्न पूर्व सीएम जगदीश की हुबली धारवाड़ (मध्य) सीट पर किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई। प्रधान ने इस बाबत दावा किया कि उन्होंने शेट्टर से बात की है और उन्हें भरोसा है कि उन्हें मना लिया जाएगा।
BJP के सीनियर नेता ईश्वरप्पा का चुनावी राजनीति से संन्यासइस बीच, बीजेपी की कर्नाटक इकाई के सीनियर नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को खत लिखकर 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव न लड़ने के निर्णय की जानकारी दी। मंगलवार (11 अप्रैल, 2023) को इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वह चुनावी राजनीति से ‘संन्यास’ ले रहे हैं। दरअसल, ईश्वरप्पा आमतौर पर अपने बयानों और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के कारण विवादों में रहे हैं और उन्होंने कहा है कि यह हालिया फैसला उन्होंने खुद ही लिया है।
वैसे, रोचक बात है कि भाजपा की कर्नाटक इकाई के पूर्व अध्यक्ष का यह फैसला ऐसे समय पर सामने आया है, जब पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटी थी। ईश्वरप्पा ने पिछले चार दशकों में राज्य में पार्टी को मजबूत करने में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भ्रष्टाचार के आरोप में पिछले साल मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले 74 बरस के कुरूबा नेता ईश्वरप्पा शिवमोगा सीट से पांच बार विधायक रहे हैं।
कब हैं चुनाव और क्या है बीजेपी का टारगेट?दरअसल, कुरुबा समुदाय राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आता है। अटकलें थीं कि केंद्रीय नेतृत्व ईश्वरप्पा का टिकट काट सकता है। ईश्वरप्पा जून में 75 साल के हो जाएंगे, जो भाजपा में नेताओं के लिए चुनाव लड़ने और आधिकारिक पदों पर आसीन होने की अनौपचारिक उम्र सीमा है। हालांकि, कभी-कभार इसके अपवाद भी रहे हैं। कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान है, जबकि मतगणना 13 मई को होगी। सूबे में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा ने विधानसभा की कुल 224 सीटों में से कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)
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