कर्नाटक: 1985 के बाद किसी पार्टी को नहीं मिला लगातार जनादेश, समझिए राज्य का सियासी गणित

1985 के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने राज्य में लगातार जनादेश हासिल नहीं किया है और बीजेपी इस इतिहास को फिर से लिखने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है।

कर्नाटक में चुनावी बिगुल बज गया है

Karnataka elections: चुनाव आयोग की ओर से मतदान की तारीख और मतगणना की घोषणा के साथ ही कर्नाटक में चुनावी बिगुल बज गया है। इसी के साथ राज्य में सियासी गतिविधियों ने पूरी तरह जोर पकड़ लिया है। 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी। यानि चुनाव में डेढ़ महीने से भी कम का वक्त बचा है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस की क्या स्थिति है।
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चुनाव आयोग द्वारा कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही चुनावी हलचल, विश्लेषण और कयासों का दौर शुरू हो गया है। क्या सत्तारूढ़ बीजेपी चार दशक पुराने इतिहास को दोहरा पाएगी या कांग्रेस अपने भगवा प्रतिद्वंद्वी को चुनौती देते हुए वापसी कर 2024 संसदीय चुनाव के लिए जरूरी दमखम हासिल कर सकेगी? क्या इस बार भी जेडीएस कांग्रेस के लिए अहम साबित होगी?
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1985 के बाद किसी ने हासिल नहीं किया लगातार जनादेश

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