पेट्रोल के बाद दूध की कीमतों में हुआ इजाफा, तो बचाव में उतरे कर्नाटक के CM सिद्धरमैया; जानें सारा विवाद

Karnataka: सिद्धरमैया ने कहा है कि दूध के दाम नहीं बढ़े, पैकेट में मात्रा बढ़ाने की वजह से अतिरिक्त कीमत ली जा रही है। राज्य में पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी के बाद अब दूध की कीमतों में इजाफा हुआ है, ऐसे में विपक्षी पार्टी भाजपा सरकार पर हमलावर है। जिसे लेकर सीएम ने सफाई पेश की है।

कर्नाटक में दूध पर सियासत।

Karnataka Politics on Milk: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को ‘नंदिनी’ दूध की कीमतों में दो रुपये की बढ़ोतरी का बचाव करते हुए कहा कि दूध की बढ़ती खरीद के मद्देनजर किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है। उन्होंने दोहराया कि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई है।

CM सिद्धरमैया ने दूध पर पेश की सफाई

सिद्धरमैया ने मीडिया से कहा, 'पिछले साल इसी समय के दौरान दूध (उत्पादन) 90 लाख लीटर (प्रतिदिन) था, अब यह 99 लाख लीटर से अधिक है। हमें किसानों से दूध खरीदना है, हम उन्हें मना नहीं कर सकते, दूध का उत्पादन होता है और इसे बाजार में बेचना होता है। इसलिए हमने आधा लीटर दूध के पैकेट की मात्रा 50 मिलीलीटर बढ़ा दी है।'

कीमतों में बढ़ोतरी पर सीएम ने दी ये दलील

उन्होंने कहा, 'मात्रा बढ़ा दी गई है और बढ़ी हुई मात्रा के अनुपात में कीमत भी बढ़ा दी गई है। आधे और एक लीटर के पैकेट में बढ़ाए गए 50 मिलीलीटर दूध की कीमत 2.10 रुपये बैठती है और हमने केवल दो रुपये बढ़ाए हैं। हमने दूध की कीमत कहां बढ़ाई है? क्या हम उत्पादित दूध को फेंक सकते हैं? क्या हम किसानों से कह सकते हैं कि हम उनसे दूध नहीं खरीदेंगे?' जब उनसे कहा गया कि कथित तौर पर रेस्तरां क्या कॉफी और चाय की कीमतें बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, तो मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे कैसे बढ़ाएंगे, वे तब बढ़ा सकते हैं जब दूध की कीमतें बढ़ेंगी।'
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