कर्नाटक: शख्स ने अपनी पत्नी के सामने ही किया महिला से दुष्कर्म, बुर्का पहनने पर किया मजबूर, मामला दर्ज

बेलगावी पुलिस ने कहा कि इस साल अप्रैल में दंपति ने कथित तौर पर महिला को कुमकुम नहीं पहनने के लिए कहा और उसे बुर्का पहनने और दिन में पांच बार नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया।

Arrest

कर्नाटक में दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन का मामला

Karnataka News: कर्नाटक में एक 28 वर्षीय विवाहित महिला को तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करके इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। इस मामले में एक जोड़े सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपी ने अपनी पत्नी के सामने उसके साथ बलात्कार किया और उसे बुर्का पहनने और माथे पर कुमकुम नहीं लगाने के लिए मजबूर किया गया।

पति-पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज

आरोपियों की पहचान रफीक और उसकी पत्नी के रूप में हुई है। रफीक पीड़ित महिला साथ यौन गतिविधियों में शामिल रहा फिर उसने उसकी अंतरंग तस्वीरें ले लीं। इनका इस्तेमाल करके वह महिला को ब्लैकमेल करता था और कहता था कि वह हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर ले। पुलिस ने कहा कि रफीक और उसकी पत्नी ने 2023 में महिला को बेलगावी स्थित अपने घर में रहने के लिए मजबूर किया। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि पिछले साल रफीक ने अपनी पत्नी के सामने उसके साथ बलात्कार किया था, जब वे तीनों एक साथ रहते थे।

बुर्का पहनने और पांच वक्त नमाज पर किया मजबूर

बेलगावी के एसपी भीमाशंकर गुलेदा ने कहा कि इस साल अप्रैल में दंपति ने कथित तौर पर महिला को कुमकुम नहीं पहनने के लिए कहा और उसे बुर्का पहनने और दिन में पांच बार नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया। महिला ने आरोप लगाया कि उसके खिलाफ जाति वाले अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया और आरोपी ने कहा कि उसे मुस्लिम धर्म अपना लेना चाहिए क्योंकि वह पिछड़ी जाति से है।

धर्म परिवर्तन नहीं करने पर जान से मारने की धमकी

महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि रफीक ने उससे अपने पति को तलाक देने के लिए कहा और धमकी दी कि अगर वह उसकी मांगें नहीं मानेगी तो उसकी अंतरंग तस्वीरें लीक कर दी जाएगी। दंपति ने उसे धर्म परिवर्तन न करने पर जान से मारने की धमकी दी। महिला की शिकायत पर सात लोगों के खिलाफ सौंदत्ती में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार संरक्षण अधिनियम, आईटी कानून की प्रासंगिक धाराओं, एससी/एसटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें बलात्कार, अपहरण, बंधक बनाने और आपराधिक धमकी शामिल हैं।
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