गाजा नहीं है कश्मीर, रक्तहीन समाधान का श्रेय पीएम मोदी को...शेहला रशीद ने यूं की तारीफ
शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों को श्रेय दिया।
शेहला रशीद
Kashmir is not Gaza: जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने कहा कि कश्मीर की तुलना गाजा से नहीं हो सकती है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शेहला ने ये बात कही। शहला ने इस सवाल के जवाब में यह बात कही कि क्या वह पहले कश्मीर में पत्थरबाजों से सहानुभूति रखती थीं। उन्होंने कहा, हां, 2010 में। लेकिन आज मैं कश्मीर के हालात अलग हैं। कश्मीर गाजा नहीं है। यह स्पष्ट हो गया है कि कश्मीर गाजा नहीं है, क्योंकि कश्मीर सिर्फ विरोध-प्रदर्शनों और घुसपैठ व उग्रवाद की छिटपुट घटनाओं में शामिल था।
पीएम मोदी और अमित शाह को दिया श्रेय
शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, इन सभी चीजों के लिए किसी को पहला कदम उठाने की जरूरत थी और इसके लिए मैं मौजूदा सरकार को श्रेय देना चाहूंगी। खासकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को। उन्होंने इसका राजनीतिक समाधान सुनिश्चित किया है, और यह बिना खून-खराबे के हुआ है।
पहले भी कर चुकी हैं तारीफ
यह पहली बार नहीं था जब शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर के हालात की तारीफ की है। इससे पहले, इस साल अगस्त में शहला रशीद ने घाटी में मानवाधिकार की स्थिति में सुधार के प्रयासों के लिए केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को धन्यवाद दिया था। हालांकि, 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर की स्वायत्तता को रद्द करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के मोदी सरकार के फैसले की तब कड़ी आलोचना की थी।
दिल्ली दंगा और जेएनयू विवाद
एएनआई से बात करते हुए शहला ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपने संघर्षों के बारे में भी बात की, जब उमर खालिद और तत्कालीन जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के सिलसिले में देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शेहला रशीद ने कहा कि यह सिर्फ हम तीनों के लिए जीवन बदलने वाला नहीं था, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय को उस घटना के परिणाम भुगतने पड़े थे, क्योंकि जेएनयू से संबंधित किसी भी चीज के खिलाफ बहुत अधिक प्रतिक्रिया हुई थी। शेहला ने कहा, रातों-रात एक विशिष्ट विश्वविद्यालय जेएनयू एक कलंक बन गया, यह लगभग एक अपशब्द की तरह था। जेएनयू में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे', 'लाल सलाम' जैसे नारे कभी नहीं लगाए गए।
खालिद और कन्हैया पर लगे आरोप
बता दें कि उमर खालिद और कन्हैया कुमार को लगभग दो साल पहले पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों में देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। घटना में उनकी कथित भूमिका को लेकर खालिद पर कठोर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए थे। इस मामले में खालिद अब तक जेल में बंद है।
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