Kathua gangrape case: आरोपी शुभम के खिलाफ वयस्क की तरह चलेगा केस, SC ने डॉक्टरों की राय को सही माना

Kathua gangrape and murder case : इसके बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने 15 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल के बाद पठानकोट सेशन कोर्ट ने 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया था। लेकिन इसी मामले में एक और आरोपी शुभम सांगरा के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में मुकदमा चलाया गया।

कठुआ गैंगरेप एवं मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया।

मुख्य बातें
  • 2018 में बकरवाल समुदाय की आठ साल की एक मासूम बच्ची का रेप एवं मर्डर हुआ
  • इस गैंगरेप एवं मर्डर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, दोषियों को कड़ी सजा की मांग
  • स्कूल के प्रमाणपत्र और नगर पालिका के दस्तावेजों में आरोपी शुभम की उम्र अलग-अलग मिली

Kathua gangrape case : साल 2018 में आठ साल की बच्ची के साथ कठुआ में हुए गैंगरेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है इस मामले में आरोपी शुभम सांगरा के खिलाफ वयस्क की तरह ही मुकदमा चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है, जिसमें कठुआ की निचली अदालत को जारी रखते हुए आरोपी को किशोर माना गया था।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। फैसला सुनाते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि किसी आरोपी की उम्र तय करने के लिए अगर कोई पुख्ता सबूत नहीं है तो ऐसी स्थिति में 'मेडिकल ओपिनियन' या डॉक्टरों की राय को ही सही माना जाएगा। इस जघन्य अपराध के बाद पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है उसके मुताबिक 10 जनवरी 2018 को बकरवाल समुदाय की आठ साल की एक मासूम बच्ची को अगवा करके कठुआ जिले में एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उससे दुष्कर्म किया गया। उसे जान से मारने से पहले उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया था।

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