तेलंगाना चुनाव से पहले कांग्रेस दे रही KCR को झटके पर झटका, अब कासिरेड्डी नारायण रेड्डी ने BRS से दिया इस्तीफा
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता और तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य कासिरेड्डी नारायण रेड्डी ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह पिछले कुछ दिनों में विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव के साथ सत्तारूढ़ बीआरएस छोड़ने वाले दूसरे प्रमुख नेता हैं।
कासिरेड्डी नारायण रेड्डी ने बीआरएस से दिया इस्तीफा
तेलंगाना में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद से ही कांग्रेस उत्साहित दिख रही है। भारत जोड़ो यात्रा के साथ-साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी यहां तक कि सोनिया गांधी भी तेलंगाना का दौरा कर चुकी हैं। कांग्रेस ने राज्य में सत्ताधारी पार्टी बीआरएस को निशाने पर ले रखा है। कांग्रेस, केसीआर की पार्टी में लगातार सेंध लगाती दिख रही है। एक के बाद एक बीआरएस के नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं। अब केसीआर के खास कासिरेड्डी नारायण रेड्डी ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस की बड़ाई की है। मतलब कांग्रेस ने केसीआर के एक और सहयोगी को चुनाव से पहले तोड़ लिया है। 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा के लिए अगला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2023 में या उससे पहले होना तय है।
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BRS छोड़ने वाले दूसरे बड़े नेता
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता और तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य कासिरेड्डी नारायण रेड्डी ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह पिछले कुछ दिनों में विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव के साथ सत्तारूढ़ बीआरएस छोड़ने वाले दूसरे प्रमुख नेता हैं। हनुमंत राव पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल
नारायण रेड्डी के भी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की संभावना है। इस्तीफे से पहले उन्होंने हैदराबाद में तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को संबोधित अपने इस्तीफे पत्र में, नारायण रेड्डी ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में तेलंगाना में विकास होगा। उन्होंने इस्तीफे में कांग्रेस की बड़ाई करते हुए लिखा- "कांग्रेस और सोनिया गांधी द्वारा घोषित छह गारंटियों ने मुझे आशा दी है कि तेलंगाना के लोग कांग्रेस के माध्यम से विकास देखेंगे और सोनिया गांधी ने तेलंगाना के लिए राज्य का दर्जा प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मेरे कार्यकाल के दौरान आपके सभी समर्थन के लिए धन्यवाद। मैं बीआरएस से इस्तीफा देता हूं।''
बीआरएस में टकराव
दस दिन पहले, एक वरिष्ठ नेता और मल्काजगिरी के विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव ने भी बीआरएस छोड़ दी थी। कहा जा रहा है कि वो अपने बेटे को सीट दिलाना चाह रहे थे, लेकिन केसीआर इसके लिए तैयार नहीं हुए थे, जिसके बाद एक सप्ताह तक चली अनबन के बाद उन्होंने बीआरएस छोड़ दिया था। गुरुवार को हनुमंत राव और उनके बेटे रोहित कांग्रेस में शामिल हो गए।
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