Kedarnath Dham: केदारनाथ में तैनात होने वाले डॉक्टरों को अब मिलेगा 5 लाख रुपए प्रति माह वेतन, सरकार ने दिए निर्देश

Kedarnath Dham: चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ में तैनात होने वाले चिकित्सक को 5 लाख, बड़ी लिनचोली में साढ़े 4 लाख और सोनप्रयाग में 4 लाख प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा।

केदारनाथ में तैनात होने वाले डॉक्टरों का वेतन तय

Kedarnath Dham : केदारनाथ में तैनात होने वाले डॉक्टरों को अब 5 लाख का वेतन मिलेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं। केदारनाथ यात्रा की समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पूरी जानकारी ली और यात्रा पड़ावों पर व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से बात की। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ में तैनात होने वाले चिकित्सक को पांच लाख, बड़ी लिनचोली में साढ़े चार लाख और सोनप्रयाग में चार लाख प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जल्द कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। दरअसल, रुद्रप्रयाग में स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से तीर्थ यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री समीक्षा बैठक ले रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग में संचालित हो रही एमआरपी में डॉक्टर, स्टाफ एवं उपकरणों की कमी है। उन्होंने निर्देश दिए कि केदारनाथ धाम में बड़ी लिनचोली एवं सोनप्रयाग में फिजिशियन डॉक्टर की तैनाती के लिए अन्य जनपदों से रोस्टर के आधार पर ड्यूटी लगाने को कहें। इसके साथ ही यदि संविदा पर फिजिशियन डॉक्टर की उपलब्धता होती है तो इसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी की जाए।

स्वास्थ्य मंत्री ने केदारनाथ में तैनात होने वाले डॉक्टरों को पांच लाख, बड़ी लिनचोली में साढ़े चार लाख और सोनप्रयाग में चार लाख प्रतिमाह वेतन के आधार पर रखने के निर्देश दिए हैं। केदारनाथ धाम में एक अतिरिक्त स्टाफ नर्स की तैनाती करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने आकस्मिक सेवाओं को और बेहतर करने के लिए यात्रा मार्ग में दो और एंबुलेंस व्यवस्था करने के लिए महानिदेशक चिकित्सा को आवश्यक कार्यवाही करते हुए तीन दिन में एंबुलेंस अन्य जनपदों से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि आपातकालीन स्थिति में गंभीर बीमार तीर्थयात्री की जान को बचाया जा सके।

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