अध्यादेश पर केजरीवाल, बोले- विपक्षी दल अगर राज्यसभा में आए साथ तो 2024 से पहले सेमीफाइनल, जानें क्या है गणित

Arvind Kejriwal on Ordinance: अध्यादेश के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर राज्यसभा में मतदान करने की अपील की है। उनका कहना है कि इससे केंद्र की तानाशाह सरकार को ना सिर्फ परास्त किया जा सकेगा। बल्कि जनता के बीच भी बेहतर संदेश जाएगा।

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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मिले नीतीश कुमार(सौजन्य-aap twitter handle)

Arvind Kejriwal on Ordinance: कुछ मामलों के असर तात्कालिक और दूरगामी दोनों होते हैं। दिल्ली में आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग (delhi ias transfer posting)के बारे सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ(supreme court constitutional bench) ने अरविंद केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन शुक्रवार यानी 18 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिए दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को और ताकत दे दी। इस मामले पर आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में दोबारा जाने की बात कह रही है। पीएम नरेंद्र मोदी को 2013 के ट्वीट का उदाहरण देकर याद दिला रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी का भी कहना है कि केजरीवाल जी की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैरा 95 को पढ़ना चाहिये। इन सबके बीच विपक्षी एकता की कवायद के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार( nitish kumar) दिल्ली में अरविंद केजरीवाल(arvind kejriwal) से दिल्ली में मिले। मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अध्यादेश के मसले पर सभी विपक्षी दल एकजुट हुए तो ना सिर्फ अध्यादेश अमल में होगा बल्कि 2024 आम चुनाव(General Elections 2024) से पहले सेमीफाइनल भी हो जाएगा।

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कब जारी किया जाता है अध्यादेश

अब अरविंद केजरीवाल ने जब इस तरह का बयान दिया तो उससे पहले यह जानना जरूरी है कि अध्यादेश कब जारी किया जाता है, दरअसल जब संसद नही चल रही होती है और मामला अर्जेंट हो तो केंद्र सरकार अध्यादेश जारी करती है। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि राज्यसभा में अगर सभी दल एकजुट हों तो। ऐसी सूरत में उन्होंने लोकसभा का नाम क्यों नहीं लिया। बता दें कि लोकसभा में एनडीए को स्पष्ट बहुमत है लिहाजा विपक्ष की कोशिश नाकाम हो जाएगी। राज्यसभा में एनडीए के पास संख्या बल तो है लेकिन किसी बिल को पारित कराने के लिए कुछ और दलों की जरूरत पड़ती है। लिहाजा दिल्ली के सीएम को लगता है कि अगर गैर बीजेपी घटक दल एक साथ आए तो नरेंद्र मोदी सरकार को परास्त किया जा सकता है।

राज्यसभा की गणित

राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 250 है, जिसमें 238 का चुनाव होता है और 12 को राष्ट्रपति केंद्र की सलाह पर नामित करते हैं। फिलहाल 245 कुल सदस्य संख्या के आधार पर बहुमत का आंकड़ा 125 का होता है। अगर बात बीजेपी की करें तो अब पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 है। कांग्रेस के पास 32 सांसद, टीएमसी के पास 13 सांसद, डीएमके-10, बीजेडी-9, सीपीएम, टीआरएस अब बीआरएस और वाईएसआरसीपी के 66 सदस्य हैं। जेडीयू के चार सदस्य, आप के 8 सदस्य हैं।

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ललित राय author

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