यमुना में 'जहर' वाले बयान पर केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ीं, हरियाणा की सोनीपत कोर्ट का नोटिस, 17 फरवरी को पेशी

हरियाणा के सोनीपत की एक अदालत ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके इस दावे पर सम्मन जारी किया है कि राज्य सरकार राष्ट्रीय राजधानी को पानी की आपूर्ति बाधित करने के लिए यमुना नदी में 'जहर' डाल रही है।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल नए कानूनी संकट में फंस गए हैं, क्योंकि हरियाणा के सोनीपत की एक अदालत ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को उनके इस दावे पर सम्मन जारी किया है कि राज्य सरकार दिल्ली की जलापूर्ति बाधित करने के लिए यमुना में 'जहर' डाल रही है। अदालत ने केजरीवाल को 17 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। केजरीवाल को जारी नोटिस में कहा गया है कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं तो कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

केजरीवाल से उनके आरोपों के पीछे का कारण बताने को कहा गया है तथा उनके इस दावे की पुष्टि के लिए एक रिपोर्ट भी पेश करने को कहा गया है कि हरियाणा सरकार यमुना के पानी में जहर मिला रही है।

चुनाव आयोग ने केजरीवाल से उनके दावे का सबूत मांगा

चुनाव आयोग ने इससे पहले केजरीवाल से उनके दावे का सबूत मांगा था। चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री से आज रात यानी 29 जनवरी की रात आठ बजे तक अपना जवाब देने को कहा है। दिल्ली चुनाव से पहले अपने आरोपों पर बढ़ते विवाद के बीच केजरीवाल ने बुधवार को 'इंडिया टुडे' को बताया कि दिल्ली में यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर 7 पार्ट प्रति मिलियन (PPM) है जो खतरनाक स्तर है।

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