Kerla: कर्नाटक के बाद अब केरल के मेडिकल कॉलेज में हिजाब पर विवाद, मुस्लिम छात्राओं ने की खास मांग

Kerala Hijab Row : कॉलेज के अलग-अलग बैच की सात छात्राओं ने यह अनुरोध किया है। छात्राओं का तर्क है कि धर्म के हिसाब से उनके लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है। इसलिए उन्हें अपना सिर एवं बांह ढंकने की इजाजत मिलनी चाहिए। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि लंबी आस्तीन वाले स्क्रब जैकेट एवं सर्जिकल हुड उपलब्ध हैं।

Kerala Hijab

केरल में मेडिकल की मुस्लिम छात्राओं ने खास पोशाक पहनने की मांग की है।

Kerala Hijab Row : कर्नाटक के बाद अब केरल के एक मेडिकल कॉलेज में हिजाब पहनने का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। दरअसल, तिरूवनंतपुरम के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से ऑपरेशन थिएटर में लंबी आस्तीन वाली जैकेट और हुड पहनने की मांग की है। महिला छात्राओं का कहना है कि वे चाहती हैं कि उनकी पोशाक इस्लाम धर्म के अनुरूप हो। कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है कि उन्हें छात्राओं का पत्र मिला है और वह उस पर उनके साथ चर्चा करेंगी।

सात छात्राओं ने प्रिंसिपल को पत्र लिखा

कॉलेज के अलग-अलग बैच की सात छात्राओं ने यह अनुरोध किया है। छात्राओं का तर्क है कि धर्म के हिसाब से उनके लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है। इसलिए उन्हें अपना सिर एवं बांह ढंकने की इजाजत मिलनी चाहिए। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि लंबी आस्तीन वाले स्क्रब जैकेट एवं सर्जिकल हुड उपलब्ध हैं, जिससे हम अपने हिजाब के साथ-साथ एहतियात भी बरत सकते हैं।

छात्राएं चाहती हैं कि ऐसी पोशाक उन्हें पहनने की मिले इजाजत

छात्राएं चाहती हैं कि प्रधानाध्यापक इस मामले पर गौर करें और उन्हें जल्द से जल्द ऑपरेशन थिएटर में इसे पहनने की अनुमति दें। छात्राओं की इस मांग पर मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर लिनेट जे मोरिस ने कहा कि उन्होंने छात्रों को ऑपरेशन थिएटर के अंदर निर्धारित एहतियाती तौर-तरीकों का पालन करने और वर्तमान में विश्व स्तर पर स्वीकृत ‘ड्रेस कोड’ का पालन करने की आवश्यकता के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थिएटर में रोगाणु-कीटाणु के संक्रमण की आशंका रहती है और वहां मरीजों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

प्रिंसिपल ने कहा- हम इस पर चर्चा करेंगे

रिपोर्टों के मुताबिक प्रधानाध्यापक ने कहा, ‘हम ऑपरेशन थिएटर के अंदर मौजूदा प्रक्रियाओं और तौर-तरीकों को दरकिनार नहीं कर सकते। मैंने उन्हें इससे जुड़ी सभी तरह की परेशानी के बारे में बताया।' मोरिस ने कहा कि छात्राओं की परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर गौर करने के लिए कुछ सर्जन की एक समिति गठित करेंगी। उन्होंने कहा, ‘एक संक्रमण नियंत्रण टीम है जिसमें स्टाफ नर्स, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और अन्य शामिल हैं। मैंने छात्राओं से कहा कि हम मामले के फायदे और नुकसान पर चर्चा करेंगे और उन्हें अंतिम निष्कर्ष के बारे में बताएंगे।’
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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